ग्राम मुड़ागांव में पेड़ों की कटाई को लेकर फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव का बड़ा खुलासा, ग्रामीणों ने कलेक्टर से की कड़ी कार्रवाई की मांग

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़: ग्राम मुड़ागांव, तहसील तमनार के ग्रामीणों ने कलेक्टर रायगढ़ को एक शिकायती पत्र सौंपकर गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का दावा है कि शासकीय वनभूमि पर कोयला खनन के लिए पेड़ों की कटाई के नाम पर एक फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस मामले में तत्काल जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।

ग्रामीणों के अनुसार, मुड़ागांव पांचवीं अनुसूचि क्षेत्र में आता है, जहां पेसा कानून लागू है। लगभग 75 एकड़ वनभूमि को गारे पेलमा सेक्टर-2 महजेंकों कंपनी (एमडीओ अडानी) को कोयला खनन के लिए आबंटित किया गया, जिसका ग्रामीण शुरू से विरोध कर रहे हैं। इस भूमि पर ग्राम सभा को सामुदायिक वनाधिकार पट्टा प्राप्त है, फिर भी कथित तौर पर बिना ग्राम सभा की अनुमति के पेड़ों की कटाई की गई।

ग्रामीणों ने बताया कि 27 सितंबर 2019 को हुई जन सुनवाई का वे पुरजोर विरोध कर चुके हैं, जिसके बाद एनजीटी में याचिका दायर की गई थी। एनजीटी ने पर्यावरणीय स्वीकृति को निरस्त कर दिया, लेकिन इसके बावजूद पेड़ों की कटाई की अनुमति दे दी गई। इस पर हाईकोर्ट बिलासपुर में याचिका लंबित है, जहां शासन की ओर से बार-बार समय मांगा जा रहा है।
बड़ा खुलासा तब हुआ जब 27 जून 2025 को करीब 2000 पुलिस बल की मौजूदगी में 300 से अधिक ग्रामीणों को गिरफ्तार कर पेड़ों की कटाई कर दी गई। ग्रामीणों के साथ मारपीट भी हुई, जिससे वे आहत हैं। विरोध के दौरान वन विभाग के एसडीओ ने 8 अक्टूबर 2022 का एक ग्राम सभा प्रस्ताव दिखाया, जो फर्जी पाया गया। ग्रामीणों का कहना है कि उस दिन कोई ग्राम सभा नहीं हुई और प्रस्ताव में नामित अध्यक्ष जयशंकर राठिया नाम का कोई व्यक्ति गांव में है ही नहीं।

ग्राम पंचायत सराईटोला के रजिस्टर में मिलान से यह पुष्टि हुई कि उक्त तिथि को कोई सभा नहीं हुई। पंचायत सचिव ने भी लिखित में कहा कि यह प्रस्ताव उनके द्वारा नहीं बनाया गया और हस्ताक्षर भी उनके नहीं हैं। ग्रामीण शक जता रहे हैं कि वन या राजस्व विभाग के अधिकारी कंपनी के प्रभाव में आकर यह कूटरचित प्रस्ताव तैयार कर सकते हैं।
11 जुलाई 2025 को तमनार ब्लॉक के 35 सरपंचों समेत ग्रामीणों ने स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज की है वहीं 14 जुलाई को ग्रामीणों ने कलेक्टर से मांग की है कि इस मामले की जांच कर एफआईआर दर्ज की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। शिकायत की प्रतिलिपि राष्ट्रपति, उच्चतम न्यायालय, राज्यपाल, मुख्यमंत्री समेत अन्य अधिकारियों को भेजी गई है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस गंभीर आरोप पर क्या कार्रवाई करता है।
