ग्राम बरौद के विस्थापित परिवारों की मांग: नया पुनर्वास स्थल पर मूलभूत सुविधाओं का स्थानांतरण और विकास कार्यों की अनुमति

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़: ग्राम बरौद के प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर रायगढ़ एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO), जिला पंचायत रायगढ़ से मुलाकात कर गांव के विस्थापित परिवारों की समस्याओं को उठाया। ग्राम बरौद को कोल ब्लॉक हेतु कोयला धारक क्षेत्र अर्जन एवं विकास अधिनियम 1957 के तहत विस्थापित किया गया है। गांव की 85% निजी भूमि का अर्जन हो चुका है, और मुआवजा वितरण 2014-15 से जारी है। शेष 15% निजी भूमि (खसरा नंबर 1 से 17) बची हुई है, जहां कुछ परिवार अपनी निजी भूमि पर मकान बनाकर रह रहे हैं।
वहीं, गांव के आदिवासी और अति गरीब परिवार शासकीय भूमि (खसरा नंबर 11/1) पर नया पुनर्वास बस्ती बना रहे हैं। वर्तमान में इस स्थल पर 50-60 परिवार मकान बनाकर निवास कर रहे हैं, और कई अन्य परिवार पुनर्वास की तैयारी में हैं। प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि गांव की दोनों स्कूलें खदान के निकट होने के कारण प्रभावित हो रही हैं। साथ ही, आंगनबाड़ी, पंचायत भवन, अस्पताल जैसी मूलभूत सुविधाएं भी खनन कार्यों से प्रभावित हैं।

प्रतिनिधि मंडल ने मांग की है कि शासकीय स्कूल, आंगनबाड़ी, पंचायत भवन और अस्पताल जैसी सुविधाओं को शासकीय भूमि 11/1 पर स्थानांतरित किया जाए, ताकि विस्थापित परिवारों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। इसके अतिरिक्त, नया पुनर्वास स्थल पर शासन की योजनाओं जैसे चौदहवें वित्त आयोग, पंद्रहवें वित्त आयोग, और जनहित कार्यों के तहत विकास कार्यों के लिए प्रशासनिक स्वीकृति और अनुमति प्रदान की जाए।
अब यह देखना होगा कि विस्थापित परिवारों की समस्याओं का निराकरण कब तक हो पाता है और उन्हें बेहतर सुविधाएं कब उपलब्ध होंगी।