ग्राम पंचायत रायकेरा में आयोजित NTPC प्रबंधन की त्रिपक्षीय वार्ता हुई फैल.. ग्रामीणों ने अचानक सदन के तर्ज पर किया वाकआउट
अमरदीप चौहान/अमरखबर:रायगढ़। महारत्न कम्पनी एनटीपीसी तिलाईपाली माइंस प्रबंधन द्वारा की जा रही तानाशाही रवैये से माइंस प्रभावित 8 ग्राम पंचायत के ग्रामीणों द्वारा 15 नवंबर से बेरोजगार युवाओं को रोजगार और वनोपज (तेंदूपत्ता) की बोनस राशि की मांग को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा है। विगत 6 दिन से चल रहे (मुख्य मार्ग पर चक्का जाम, रेल रोको) आंदोलन देखते हुए एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा त्रिपक्षीय वार्ता हेतु ग्रामवासियों और प्रशासनिक अधिकारीयों को बुलाया गया था जिसमे अतिरिक्त कलेक्टर रायगढ़ ,अनुविभागीय अधिकारी राजस्व घरघोड़ा, एसडीओपी धरमजयगढ़, थाना प्रभारी घरघोड़ा व एनटीपीसी प्रबंधन के साथ क्षेत्र के प्रभावित ग्रामीणों की उपस्थिति में बैठक की गई l
एनटीपीसी माइंस प्रभावित क्षेत्र के बेरोजगार युवकों को एनटीपीसी और ठेकेदार कम्पनी में नौकरी देने व प्रत्येक तेंदूपत्ता कार्डधारी को 5 लाख रूपये तेंदूपत्ता बोनस के रूप में एक मुश्त मुआवजा राशि देने की मांग को लेकर प्रभावित ग्रामीण विगत 6 दिनों से धरने पर बैठे हैं। बैठक के दौरान एसडीएम घरघोड़ा के कुछ शब्दों और बातों को ग्रामीण समझ नहीं पाए और उन्होंने कहा की उन्हें हमेशा कोरा आश्वासन दे दिया जाता है।
मुख्यतः इन्हीं मुद्दों को लेकर त्रिपक्षीय वार्ता की गई जिसमें बेरोजगार युवकों को कुछ दिनों पश्चात रोजगार देने की बात कही गई साथ में बायोडाटा जमा करने करने की बात कही गई परंतु तेंदूपत्ता कार्ड धारी के बोनस राशि 5 लाख रुपये एक मुश्त मांग करने की बात को लेकर एनटीपीसी के ढुलमुल रवैये से नाराज होकर ग्रामवासियों ने सदन के तर्ज पर वॉकआउट करते हुए पुनः सड़क को जाम करते हुए स्ट्राइक पर बैठ गए हैं।
अब देखना यह है कि एनटीपीसी प्रबंधन किस प्रकार से ग्रामवासियों को संतुष्ट कर पाती है। आपको बता दें की वीपीआर ठेका कंपनी के द्वारा बरसात के पश्चात 19 लोगों को नौकरी देने की बात कही गई और उनके प्रबंधन के द्वारा यह भी कहा गया है कि एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा रिज्यूम भेजने पर वीपीआर कंपनी के द्वारा जॉब देने की बात कही जा रही है। अब देखना यह है कि इस समाचार के बाद एनटीपीसी प्रबंधन प्रभावित ग्रामीणों को किस प्रकार संतुष्ट करती है या स्ट्राइक लगातार जारी रहती है।
प्रभावित ग्रामीणों का कहना था की भारत सरकार के उपक्रम महारत्न कम्पनी NTPC द्वारा प्रभावित क्षेत्र में मुलभुत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई गई हैं वहीं प्रबंधन की ओर से शिक्षा या चिकित्सा की उचित व्यवस्था भी नहीं की गई है।