ग्राम पंचायत मचिदा का सरकारी स्कूल खंडहर में तब्दील, बच्चों का भविष्य खतरे में

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम ग्राम पंचायत मचिदा, ब्लॉक पुसौर, जिला रायगढ़, छत्तीसगढ़ में स्थित शासकीय माध्यमिक शाला की स्थिति अत्यंत जर्जर हो चुकी है। 2017-18 से यह स्कूल ध्वस्त होने की कगार पर है, और इस दौरान छत गिरने की घटना में तात्कालीन हेडमास्टर गुरु चरण गुप्ता के नेतृत्व में बच्चे बाल-बाल बचे थे। इसके बावजूद, 8 वर्ष बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई, और स्कूल आज खंडहर में तब्दील होकर ताला बंद पड़ा है।

स्थानीय निवासियों और स्वास्तिक मजदूर सेवा समिति के ब्लॉक अध्यक्ष पद्मनाभ प्रधान ने इस मुद्दे को बार-बार जन समस्या निवारण, सरकारी दफ्तरों, और मंत्रिमंडल तक उठाया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उनका कहना है कि सरकारी स्कूलों की उपेक्षा हो रही है, जबकि प्राइवेट स्कूलों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे गरीब परिवारों के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

आरोप है कि डीएमएफ (जिला खनिज न्यास) फंड का दुरुपयोग उन क्षेत्रों में हो रहा है, जहां जरूरत नहीं है, जबकि शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र को नजरअंदाज किया जा रहा है। स्कूल की मरम्मत संभव नहीं है, इसलिए नया स्कूल भवन बनाने की मांग की गई है।


यह स्थिति शिक्षा के अधिकार और ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों की बदहाली को उजागर करती है। स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने और कार्रवाई की अपील की जा रही है।
