ग्राम पंचायत छोटेगुमड़ा में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा — सीईओ के आदेशों की अनदेखी, सरपंच और सचिव पर लाखों के गबन का आरोप, जांच के दौरान दोनों फरार

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़/घरघोड़ा, 30 अक्टूबर।
जनपद पंचायत घरघोड़ा की ग्राम पंचायत छोटेगुमड़ा एक बार फिर सुर्खियों में है। यहाँ के वर्तमान सरपंच हरि चरण राठिया और सचिव गोपाल ठाकुर पर सरकारी राशि के गबन और वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप लगे हैं। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जाँच टीम के पहुँचते ही दोनों आरोपी मौके से फरार हो गए, जिससे भ्रष्टाचार के आरोप और भी मजबूत हो गए हैं।
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🔹 ग्रामवासियों और पंचों ने उठाई आवाज
छोटेगुमड़ा पंचायत में हो रहे वित्तीय घोटालों और योजनाओं में पारदर्शिता की कमी से परेशान होकर समस्त पंचगण, उपसरपंच और ग्रामीणों ने मिलकर सरपंच और सचिव के खिलाफ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (SDM) घरघोड़ा को लिखित शिकायत सौंपी थी।
शिकायत में आरोप लगाया गया कि दोनों पदाधिकारियों ने सरकारी योजनाओं की राशि का दुरुपयोग और गबन किया है। ग्रामीणों के अनुसार, पंचायत में स्वच्छता, निर्माण कार्य, प्रधानमंत्री आवास और नल-जल जैसी योजनाओं में भारी अनियमितताएँ की गईं।
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🔹 SDM ने गठित की जांच टीम
शिकायत के बाद SDM घरघोड़ा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम का गठन किया। टीम को पंचायत स्तर पर हुए समस्त वित्तीय लेनदेन, सामग्री आपूर्ति और कार्यों के सत्यापन का निर्देश दिया गया।
जांच टीम जैसे ही ग्राम पंचायत छोटेगुमड़ा पहुँची, सरपंच हरि चरण राठिया और सचिव गोपाल ठाकुर अचानक मौके से फरार हो गए। इस घटना से ग्रामीणों में और भी आक्रोश फैल गया है।
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🔹 आदेशों की अवहेलना और प्रशासनिक कमजोरी उजागर
सूत्रों के अनुसार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO जनपद पंचायत घरघोड़ा) ने पूर्व में भी सरपंच और सचिव को कार्यप्रणाली सुधारने और वित्तीय पारदर्शिता बरतने के स्पष्ट आदेश दिए थे, लेकिन इन आदेशों की बार-बार अवहेलना की गई।
ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत में जो भी राशि आती है, उसका पूरा हिसाब-किताब छिपाया जाता है, और कार्यों के नाम पर कागजी खानापूर्ति की जाती है।
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🔹 ग्रामीणों में आक्रोश, कार्रवाई की माँग
ग्रामवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि सरपंच और सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसी अन्य पंचायत में ऐसी अनियमितताओं की पुनरावृत्ति न हो।
ग्रामवासी जनपद पंचायत और जिला प्रशासन से यह भी चाहते हैं कि जांच टीम सभी संबंधित फाइलों, भुगतान विवरण और बैंक खातों की गहराई से जांच करे।
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🔹 जिम्मेदारों पर कब होगी कार्रवाई?
हालाँकि जांच टीम को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन सीईओ के आदेशों की लगातार अनदेखी इस बात की ओर इशारा करती है कि स्थानीय प्रशासन में प्रभावशाली लोगों की पहुँच और मिलीभगत भी हो सकती है।
अब देखना यह है कि घरघोड़ा प्रशासन इस मामले में कितनी त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई करता है, क्योंकि ग्रामीणों का कहना है —
> “हमारी पंचायत की निधि अगर जनता की भलाई के बजाय जेब में जा रही है, तो यह सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि जनता के विश्वास से खिलवाड़ है।”यगढ़/घरघोड़ा, 30 अक्टूबर।
जनपद पंचायत घरघोड़ा की ग्राम पंचायत छोटेगुमड़ा एक बार फिर सुर्खियों में है। यहाँ के वर्तमान सरपंच हरि चरण राठिया और सचिव गोपाल ठाकुर पर सरकारी राशि के गबन और वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप लगे हैं। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जाँच टीम के पहुँचते ही दोनों आरोपी मौके से फरार हो गए, जिससे भ्रष्टाचार के आरोप और भी मजबूत हो गए हैं।
🔹 ग्रामवासियों और पंचों ने उठाई आवाज
छोटेगुमड़ा पंचायत में हो रहे वित्तीय घोटालों और योजनाओं में पारदर्शिता की कमी से परेशान होकर समस्त पंचगण, उपसरपंच और ग्रामीणों ने मिलकर सरपंच और सचिव के खिलाफ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (SDM) घरघोड़ा को लिखित शिकायत सौंपी थी।
शिकायत में आरोप लगाया गया कि दोनों पदाधिकारियों ने सरकारी योजनाओं की राशि का दुरुपयोग और गबन किया है। ग्रामीणों के अनुसार, पंचायत में स्वच्छता, निर्माण कार्य, प्रधानमंत्री आवास और नल-जल जैसी योजनाओं में भारी अनियमितताएँ की गईं।
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🔹 SDM ने गठित की जांच टीम
शिकायत के बाद SDM घरघोड़ा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम का गठन किया। टीम को पंचायत स्तर पर हुए समस्त वित्तीय लेनदेन, सामग्री आपूर्ति और कार्यों के सत्यापन का निर्देश दिया गया।
जांच टीम जैसे ही ग्राम पंचायत छोटेगुमड़ा पहुँची, सरपंच हरि चरण राठिया और सचिव गोपाल ठाकुर अचानक मौके से फरार हो गए। इस घटना से ग्रामीणों में और भी आक्रोश फैल गया है।
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🔹 आदेशों की अवहेलना और प्रशासनिक कमजोरी उजागर
सूत्रों के अनुसार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO जनपद पंचायत घरघोड़ा) ने पूर्व में भी सरपंच और सचिव को कार्यप्रणाली सुधारने और वित्तीय पारदर्शिता बरतने के स्पष्ट आदेश दिए थे, लेकिन इन आदेशों की बार-बार अवहेलना की गई।
ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत में जो भी राशि आती है, उसका पूरा हिसाब-किताब छिपाया जाता है, और कार्यों के नाम पर कागजी खानापूर्ति की जाती है।
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🔹 ग्रामीणों में आक्रोश, कार्रवाई की माँग
ग्रामवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि सरपंच और सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसी अन्य पंचायत में ऐसी अनियमितताओं की पुनरावृत्ति न हो।
ग्रामवासी जनपद पंचायत और जिला प्रशासन से यह भी चाहते हैं कि जांच टीम सभी संबंधित फाइलों, भुगतान विवरण और बैंक खातों की गहराई से जांच करे।
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🔹 जिम्मेदारों पर कब होगी कार्रवाई?
हालाँकि जांच टीम को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन सीईओ के आदेशों की लगातार अनदेखी इस बात की ओर इशारा करती है कि स्थानीय प्रशासन में प्रभावशाली लोगों की पहुँच और मिलीभगत भी हो सकती है।
अब देखना यह है कि घरघोड़ा प्रशासन इस मामले में कितनी त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई करता है, क्योंकि ग्रामीणों का कहना है —
> “हमारी पंचायत की निधि अगर जनता की भलाई के बजाय जेब में जा रही है, तो यह सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि जनता के विश्वास से खिलवाड़ है।”
समाचार सहयोगी सुनील जोल्हे की रिपोर्ट