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खुरूसलेगा–तमनार क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति, पुलिस निगरानी में कोयला परिवहन एवं अभिरक्षा की कार्रवाई



प्रतीकात्मक छवि

30 से अधिक व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया, प्रशासन द्वारा स्थिति सामान्य करने के प्रयास

फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम

खुरूसलेगा/तमनार (जिला रायगढ़)।
खुरूसलेगा–तमनार क्षेत्र में शुक्रवार को कानून-व्यवस्था की स्थिति उस समय संवेदनशील हो गई, जब ओड़िशा सीमा से छत्तीसगढ़ की ओर कोयला लदी भारी वाहनों का आवागमन पुलिस निगरानी में कराया गया। इस दौरान स्थानीय स्तर पर चल रहे विरोध-प्रदर्शन के कारण तनाव की स्थिति निर्मित हुई, जिसके पश्चात पुलिस द्वारा लगभग 30 से 35 व्यक्तियों को एहतियातन अभिरक्षा में लिया गया। अभिरक्षा में लिए गए व्यक्तियों में सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम शर्मा भी सम्मिलित बताए जा रहे हैं।

पृष्ठभूमि

प्राप्त जानकारी के अनुसार, क्षेत्र में जनसुनवाई एवं कोयला परियोजनाओं से संबंधित मुद्दों को लेकर CHP चौक, लिबरा में विगत लगभग 15 दिनों से ग्रामीणों द्वारा शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। आंदोलन की सूचना प्रशासन को पूर्व से होने की बात सामने आई है।

इसी क्रम में ओड़िशा सीमा क्षेत्र में खड़े कोयला लदे वाहनों को पुलिस निगरानी में आगे बढ़ाया गया। जब उक्त वाहन खुरूसलेगा क्षेत्र में पहुंचे, तब स्थानीय ग्रामीणों द्वारा आपत्ति व्यक्त की गई, जिससे अस्थायी रूप से तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई।

पुलिस हस्तक्षेप एवं अभिरक्षा

स्थिति के बिगड़ने की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस द्वारा हस्तक्षेप किया गया तथा शांति भंग की संभावना के मद्देनज़र कुछ व्यक्तियों को एहतियातन हिरासत में लिया गया।

विभिन्न पक्षों के कथन

कुछ वाहन चालकों का कहना है कि वे प्रशासनिक निर्देशों के अनुसार ही वाहनों का संचालन कर रहे थे। वहीं आंदोलनरत ग्रामीणों का यह कहना है कि उनका विरोध शांतिपूर्ण था तथा उन्हें अपनी बात रखने का अवसर मिलना चाहिए था।
ग्रामीणों द्वारा यह भी मांग की जा रही है कि प्रशासन उनकी आशंकाओं एवं संवैधानिक अधिकारों पर गंभीरता से विचार करे।

संवैधानिक और विधिक परिप्रेक्ष्य

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) एवं 19(1)(b) के अंतर्गत नागरिकों को अभिव्यक्ति एवं शांतिपूर्ण सभा का अधिकार प्राप्त है, जबकि अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और आजीविका की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।
साथ ही, राज्य एवं प्रशासन पर यह दायित्व भी है कि वे सार्वजनिक व्यवस्था, यातायात एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखें। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि दोनों दायित्वों के मध्य संतुलन स्थापित किया जाए।

प्रशासनिक प्रयास

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए SDM घरघोड़ा मौके पर पहुंचे और घटनाक्रम की समीक्षा की। प्रशासन द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि हालात पर सतत निगरानी रखी जा रही है तथा सभी पक्षों से संवाद स्थापित कर समाधान निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं।


खुरूसलेगा–तमनार क्षेत्र की वर्तमान स्थिति यह इंगित करती है कि विकास परियोजनाओं, जनभावनाओं एवं कानून-व्यवस्था के बीच संतुलन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
विधि विशेषज्ञों का मानना है कि संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण एवं प्रशासनिक दायित्वों के निर्वहन के लिए पारदर्शी संवाद और वैधानिक प्रक्रिया का पालन ही सर्वोत्तम उपाय है।

प्रशासनिक स्तर पर समय रहते समन्वय एवं संवाद स्थापित किया जाना, भविष्य में किसी भी प्रकार की असहज स्थिति से बचने के लिए आवश्यक प्रतीत हो रहा है।

Amar Chouhan

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