खरसिया विधायक उमेश पटेल ने डीएमडी प्रभावित परिवारों को दिया सहयोग का आश्वासन

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायपुर, 20 जून 2025: खरसिया विधानसभा के विधायक एवं पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल ने आज अपने रायपुर स्थित बंगले में ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान परिवारों ने अपनी समस्याएं साझा कीं और बीमारी से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत कर सहयोग की मांग की। श्री पटेल ने पीड़ित परिवारों की बात ध्यानपूर्वक सुनी और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इस मुलाकात में हेमंत हंसराज, श्यामलाल अहीरवाल (ग्राम पंचायत सूपा, विकास खंड पुसौर), बिक्की बनजारे और जन चेतना रायगढ़ के राजेश त्रिपाठी शामिल रहे।
डीएमडी एक गंभीर और जानलेवा रेयर बीमारी है, जो मुख्य रूप से 3 से 6 वर्ष की आयु के लड़कों को प्रभावित करती है। इस बीमारी में मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर पड़ती हैं, जिससे बच्चे 10-12 साल की उम्र तक व्हीलचेयर पर आ जाते हैं। 15-20 साल की उम्र तक, दवाओं के अभाव में अधिकांश बच्चे इस दुनिया को अलविदा कह देते हैं। यह बीमारी न केवल बच्चों, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी एक बड़ा भावनात्मक और आर्थिक बोझ बन जाती है।
### डीएमडी को लेकर उठाए गए सवाल और मांगें
प्रभावित परिवारों ने श्री पटेल के समक्ष निम्नलिखित सवाल और मांगें रखीं:
1. **छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा डीएमडी पीड़ित बच्चों के लिए उठाए गए कदम**: सरकार ने इस बीमारी से निपटने के लिए अब तक क्या उपाय किए हैं?
2. **रेयर बीमारियों की पहचान के लिए अभियान**: क्या सरकार ने डीएमडी जैसी रेयर बीमारियों की पहचान के लिए कोई विशेष अभियान शुरू किया है?
3. **आर्थिक सहायता योजना**: डीएमडी से प्रभावित परिवारों पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को कम करने के लिए क्या कोई वित्तीय सहायता योजना बनाई गई है?
4. **रेयर बीमारियों के लिए बजट प्रावधान**: क्या छत्तीसगढ़ सरकार ने रेयर बीमारियों के लिए अलग से बजट आवंटित किया है, और यदि हां, तो कितना?
5. **विदेशी दवाओं की उपलब्धता**: डीएमडी की कुछ दवाएं विदेशों में उपलब्ध हैं। क्या सरकार इन्हें पीड़ित बच्चों तक पहुंचाने की व्यवस्था कर सकती है?
परिवारों ने यह भी बताया कि राजस्थान, आंध्र प्रदेश, और ओडिशा जैसे राज्यों में डीएमडी और अन्य रेयर बीमारियों के लिए एकमुश्त सहायता राशि, पेंशन, और बजट प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार से भी ऐसी योजनाएं लागू करने की मांग की। इस संबंध में राजस्थान, आंध्र प्रदेश, और ओडिशा सरकारों के आदेश, छत्तीसगढ़ में डीएमडी मरीजों की सूची, और जनसुनवाई के जवाब की प्रतियां भी श्री पटेल को सौंपी गईं।
### विधायक का सकारात्मक रुख
श्री उमेश पटेल ने परिवारों की पीड़ा को गंभीरता से लिया और कहा, “डीएमडी जैसी गंभीर बीमारी से प्रभावित बच्चों और उनके परिवारों की मदद के लिए मैं हर संभव प्रयास करूंगा। इस मुद्दे को सरकार के समक्ष उठाया जाएगा ताकि प्रभावी कदम उठाए जा सकें।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि रेयर बीमारियों के लिए बेहतर नीतियां और सहायता योजनाएं लागू करने के लिए संबंधित विभागों से चर्चा की जाएगी।
### एक उम्मीद की किरण
यह मुलाकात डीएमडी से प्रभावित परिवारों के लिए एक उम्मीद की किरण लेकर आई है। श्री पटेल के सकारात्मक रवैये और सहयोग के वादे ने परिवारों को विश्वास दिलाया है कि उनकी आवाज सरकार तक पहुंचेगी। जन चेतना रायगढ़ के राजेश त्रिपाठी ने कहा, “हम विधायक महोदय के संवेदनशील रवैये से बहुत प्रभावित हैं। हमें उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ में भी डीमडी पीडी प्रभावित परिवारों के लिए जल्द ही राहत मिलेगी।”
छत्तीसगढ़ में डीएमडी और अन्य रेयर बीमारियों से प्रभावित परिवारों के लिए यह एक महत्वपूर्ण पहल है। उम्मीद है कि सरकार और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे, जिससे पीड़ित बच्चो और उनके परिवारों को नया जीवन मिल सके।