रायगढ़ में एसीबी की ऐतिहासिक कार्रवाई: एनटीपीसी के उप महा प्रबंधक 4.50 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ धराए

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मंगलवार, 16 सितंबर 2025 को अब तक की सबसे बड़ी ट्रैप कार्रवाई को अंजाम देकर पूरे राज्य में सनसनी मचा दी। इस कार्रवाई में एनटीपीसी तिलाईपाली कार्यालय, रायकेरा के उप महा प्रबंधक विजय दुबे को गोमती पेट्रोल पंप के पास उनकी कार में 4.50 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई न केवल रायगढ़ बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मील का पत्थर साबित हुई है।
शिकायतकर्ता की गुहार और रिश्वत का घिनौना खेल
मामला ग्राम तिलाईपाली के निवासी सौदागर गुप्ता की शिकायत से शुरू हुआ। सौदागर ने एसीबी की बिलासपुर इकाई को बताया कि उनकी जमीन और मकान के अधिग्रहण के लिए मुआवजा तो मिल चुका था, लेकिन पुनर्वास के तहत बकाया 16 लाख रुपये का भुगतान कराने के लिए विजय दुबे ने उनसे 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। सौदागर पहले ही 50 हजार रुपये दे चुके थे, लेकिन दुबे की लालच यहीं नहीं रुकी। उन्होंने शेष 4.50 लाख रुपये की मांग की, जिसके बाद सौदागर ने एसीबी से संपर्क किया।
जाल बिछा, रंगे हाथ पकड़ा गया अधिकारी
एसीबी ने शिकायत की सत्यता जांचने के बाद एक सुनियोजित ट्रैप की योजना बनाई। मंगलवार को गोमती पेट्रोल पंप के पास जैसे ही विजय दुबे ने सौदागर से 4.50 लाख रुपये की रिश्वत ली, एसीबी की टीम ने उन्हें धर दबोचा। आरोपी के कब्जे से पूरी रिश्वत राशि बरामद कर ली गई। इस कार्रवाई से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। विजय दुबे के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई
एसीबी के सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ के गठन के बाद रिश्वत के मामले में जब्त की गई सबसे बड़ी राशि है। रायगढ़ जिले में पिछले एक साल में यह एसीबी की आठवीं ट्रैप कार्रवाई है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी सख्ती को दर्शाती है। एसीबी ने स्पष्ट किया है कि ऐसी कार्रवाइयां भविष्य में भी जारी रहेंगी, ताकि भ्रष्टाचार की जड़ें और गहरी न हो सकें।
आरोपी की संपत्तियों पर भी नजर
विजय दुबे की गिरफ्तारी के बाद एसीबी ने उनकी अन्य संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। यह कार्रवाई न केवल एनटीपीसी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करती है, बल्कि आम जनता के बीच यह संदेश भी देती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने से बदलाव संभव है।
इलाके में सनसनी, जनता में चर्चा
इस कार्रवाई ने रायगढ़ और आसपास के इलाकों में तहलका मचा दिया है। लोग इस बात पर हैरान हैं कि एक वरिष्ठ अधिकारी इतने बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी में लिप्त था। यह घटना एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि सिस्टम में कितने और विजय दुबे छिपे हैं, जो जनता के हक को लूट रहे हैं।
एसीबी की इस कार्रवाई ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को और मजबूत किया है। अब यह देखना होगा कि इस मामले में आगे की जांच में और क्या खुलासे होते हैं। लेकिन एक बात साफ है—यह कार्रवाई भ्रष्टाचारियों के लिए एक सख्त चेतावनी है कि कानून का शिकंजा अब और तेज होगा।