Latest News

“करते हैं जो नशा, वो सुन ले कान खोलकर’ का हुआ विमोचन”

नशा सिर्फ शरीर नहीं, जिंदगी खत्म करता है’ बताएगी फिल्म ‘गैंग्स ऑफ रायपुर’

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायपुर। समाज में नशे की बढ़ती लत न केवल व्यक्तियों की सेहत को बल्कि पूरे परिवार की खुशियों को लील रही है। इन्हीं सच्चाइयों को सामने लाने वाली ‘गैंग्स ऑफ रायपुर’ फिल्म का एक जागरूकता आधारित गीत ‘करते हैं जो नशा’ का विमोचन 14 अक्टूबर को रायपुर में हुआ। यह फिल्म उन कहानियों को बयां करती है, जो हमारे आसपास कहीं चुपचाप घट रही हैं। यह फिल्म सिर्फ एक रचना नहीं, बल्कि समाज को झकझोरने वाली चेतावनी है कि नशा किसी भी हाल में विकल्प नहीं हो सकता।

इस फिल्म में दिखाया गया है कि नशा कैसे व्यक्ति की सोच, आत्मसम्मान और संबंधों को निगल जाता है। लेकिन फिल्म सिर्फ दुख और बर्बादी तक सीमित नहीं है, यह उम्मीद की भी बात करती है। इसका मूल संदेश है – “जिंदगी दोबारा भी संभाली जा सकती है, अगर इरादा मजबूत हो।”

फिल्म की कहानी समाज में फैली कड़वी सच्चाइयों से जुड़ी है। यह उन घरों की चीख है जहाँ नशे ने हँसी-खुशी के पल छीन लिए। फिल्म के क्रिएटिव डायरेक्टर – प्रोड्यूसर साजिद खान, डायरेक्टर – को प्रोड्यूसर के शिव कुमार और को प्रोड्यूसर दीपेश कुकरेजा ने इसे एक सामाजिक ज़िम्मेदारी मानते हुए बनाया है। उनका मानना है कि यह फिल्म खासकर युवाओं को सोचने पर मजबूर करेगी कि नशा किसी भी रूप में समाधान नहीं, बल्कि विनाश की शुरुआत है।

यह जागरूकता फिल्म विमतारा हॉल, शांति नगर, इंद्रावती कॉलोनी, रायपुर में 14 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक विमोचित की गई।

इस फिल्म को युवा प्रतिभाओं की एक समर्पित टीम ने तैयार किया है।  टीम का कहना है कि यह फिल्म किसी प्रचार या लाभ के लिए नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से बनाई गई है।

फिल्म का उद्देश्य बेहद स्पष्ट है – युवाओं को नशे के खतरों से आगाह करना, परिवारों को प्रेरित करना कि नशे को छोड़ा जा सकता है, और पूरे समाज में नशामुक्ति की भावना को बढ़ावा देना।

निर्माताओं का मानना है कि नशा अब केवल एक व्यक्तिगत समस्या नहीं रहा, यह एक समाजिक संकट बन चुका है। हर दिन सैंकड़ों ज़िंदगियाँ इस जहर के कारण बर्बाद हो रही हैं। फिल्म के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि “नशा कभी समाधान नहीं होता, यह हमेशा बर्बादी की शुरुआत होता है।”

अंततः, फिल्म ‘करते हैं जो नशा’ हमें यही याद दिलाती है कि अगर हमें जिंदगी से वाकई प्यार है, तो नशे से दूरी बनानी ही होगी। यही नहीं, हमें अपने आस-पास के लोगों को भी इस दिशा में जागरूक करना होगा, ताकि समाज नशामुक्त और स्वस्थ बन सके।

कार्यक्रम में विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के जाने माने ख्याति प्राप्त कवि मीर अली मीर ने अपने कविताओं से राज्य के वर्तमान परिस्थितियों का व्याख्यान किया। विभिन्न समाज के लोग उपस्थित रहे।

Amar Chouhan

AmarKhabar.com एक हिन्दी न्यूज़ पोर्टल है, इस पोर्टल पर राजनैतिक, मनोरंजन, खेल-कूद, देश विदेश, एवं लोकल खबरों को प्रकाशित किया जाता है। छत्तीसगढ़ सहित आस पास की खबरों को पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़ पोर्टल पर प्रतिदिन विजिट करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button