करंट से मौत का खौफनाक राजः जंगली सुअर के शिकार में बिछाए गए 11 केवी तार ने दो जिंदगियां लील लीं, शव छिपाने की साजिश उजागर (देखें वीडियो)

फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां जंगली सुअर के अवैध शिकार के लिए बिछाए गए करंट प्रवाहित तार की चपेट में आने से दो ग्रामीणों की दर्दनाक मौत हो गई। मामला चक्रधर नगर थाना क्षेत्र का है। हैरानी की बात यह है कि हादसे के बाद आरोपियों ने दोनों शवों को अलग-अलग स्थानों पर छुपा दिया, ताकि घटना को दबाया जा सके। हालांकि, गांव में फैली चर्चा और एक युवक की स्वीकारोक्ति के बाद पूरा मामला उजागर हो गया।
जानकारी के मुताबिक, रायगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम छोटे रेगड़ा निवासी पुनीलाल यादव (51 वर्ष) और संदीप उरांव (24 वर्ष) 9 दिसंबर की सुबह करीब 4 बजे घर से निकले थे। इसके बाद दोनों का कोई सुराग नहीं मिला। परिजनों ने चक्रधर नगर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई और गांव स्तर पर तलाश जारी थी।
इसी बीच रविवार रात गांव में यह चर्चा फैल गई कि दोनों की मौत जंगल में जंगली सुअर के लिए बिछाए गए करंटयुक्त तार से हो गई है। सोमवार सुबह एक युवक गांव वालों को संबलपुरी नाला के पास बगीचा टिकरा ले गया, जहां झाड़ियों में छुपाए गए दोनों शव दिखाए गए। ग्रामीणों का कहना है कि दोनों की मौत किसी और स्थान पर हुई थी और बाद में साक्ष्य छुपाने के उद्देश्य से शवों को यहां लाकर फेंका गया।
गिरोह बनाकर चल रहा था अवैध शिकार
ग्रामीणों के अनुसार, छोटे रेगड़ा गांव के कुछ लोग लंबे समय से जंगल में 11 केवी लाइन से अवैध रूप से तार जोड़कर जंगली सुअर का शिकार कर रहे थे। इस गिरोह में पुनीलाल यादव, संदीप उरांव, राजू उरांव, विकास उरांव, जय किशन, रमेश उरांव और आकाश उरांव शामिल बताए जा रहे हैं। इसी दौरान करंट प्रवाहित तार की चपेट में आकर पुनीलाल और संदीप की मौत हो गई।
चार संदेही हिरासत में, एक फरार
घटना के सामने आने के बाद पूरे गांव में सनसनी फैल गई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार संदेहियों—राजू उरांव, विकास उरांव, जय किशन और रमेश उरांव—को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। वहीं एक अन्य आरोपी आकाश उरांव की तलाश जारी है।
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
इस मामले ने इसलिए भी गंभीर रूप ले लिया है क्योंकि ग्रामीणों ने बताया कि यही गिरोह पहले भी इसी तरह अवैध शिकार करता रहा है। पिछले साल रमेश उरांव के बेटे सूरज उरांव की भी लामीदरहा जंगल में जंगली सुअर के लिए बिछाए गए करंट प्रवाहित तार की चपेट में आने से मौत हो चुकी है। बावजूद इसके, अवैध गतिविधियां बंद नहीं हुईं।
पुलिस जांच में जुटी
चक्रधर नगर थाना प्रभारी जीएल साहू ने बताया कि 9 दिसंबर से दोनों ग्रामीणों के लापता होने की रिपोर्ट परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई थी। सोमवार सुबह संबलपुरी नाला के पास दोनों के शव मिलने की सूचना मिली। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की है और कुछ संदेहियों को हिरासत में लेकर पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है।
फिलहाल पुलिस इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि करंट की व्यवस्था कैसे की गई, बिजली लाइन से अवैध रूप से कनेक्शन किसने लिया और शवों को छुपाने में किन-किन लोगों की भूमिका रही। यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि जंगलों में चल रहे अवैध शिकार के खतरनाक अंजाम की भी भयावह तस्वीर पेश करती है।
समाचार सहयोगी सिकंदर चौहान