एन.टी.पी.सी. तलाईपल्ली कोल माईन्स के रवैये से परेशान होकर प्रभावित क्षेत्र के युवाओं को तत्काल रोजगार दिलाये जाने के लिए चल रहा अनिश्चितकालीन आंदोलन

दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही आंदोलनकारीयों भीड़
मांग पूरी नहीं होने पर होगा उग्र आंदोलन
अमरदीप चौहान/अमरखबर:रायगढ़। एनटीपीसी प्रभावित गाँव के ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर रायगढ़ और लोकसभा सांसद रायगढ़ को ज्ञापन सौंपने के बाद ग्राम रायकेरा, साल्हेपाली, नयारामपुर, नयाडीह, सुदुरमीड़ा, बिच्छीनारा, तिलाईपाली, चोटीगुडा और अजीतगढ़ के ग्रामीण रायकेरा चौक पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन बैठे हुए हैं। आपको बता दें की इनकी जल, जंगल, जमीन सभी एन.टी.पी.सी. तलाईपाली कोल माईन्स में चली गई है जहाँ की ठेका कम्पनी के.सी.सी.एल., टी.आर.सी., वी.पी.आर. बी.जी.आर. एवं पी.सी.पटेल कंपनी कोयला खनन के लिए कार्य करती है। कुछ साल पहले क्षेत्रीय विकास और नौकरी के लुभावने सपने दिखाकर यहाँ कोयला खनन के लिए भूमि अधिग्रहित किया गया परंतु आज पर्यन्त तक कई प्रभावित ग्रामों के बेरोजगार युवाओं को रोजगार नही दिया गया है, पूरी तरह प्रभावित होने पर भी क्षेत्र के युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं इसलिए प्रभावित ग्रामों के युवाओं द्वारा ज्ञापन देकर निम्न मांग की गई है..
टी.आर.सी. एवं पी.सी.पटेल कंपनी में प्रभावित ग्रामों के बेरोजगार युवाओं के द्वारा नौकरी की मांग करने पर कंपनी में नौकरी हेतु जगह खाली नहीं है कहा जाता है लेकिन उक्त कंपनीयों में बाहरी व्यक्तियों को दूसरे राज्यों से बस में भरकर लाया जाता है और उन्हें नौकरी दिया जा रहा है जिससे प्रभावित ग्रामवासी कंपनी के रवैये से दुखी एवं क्षुब्ध है एवं बेरोजगार है जिससे प्रभावित ग्रामवासियों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गई है इसलिए प्रभावित ग्रामवासियों के बेरोजगार युवाओं को एन.टी.पी.सी. या ठेकेदार कम्पनी में तत्काल नौकरी दिया जावे तथा कोल माईन्स कंपनी में प्रभावित ग्रामों के शिक्षित युवाओं को कार्यालय में रोजगार दिया जावे ऐसी मांग बेरोजगार ग्रामीण कर रहे हैं।
कंपनी में प्रभावित सभी ग्रामों के बेरोजगार युवाओं को योग्यता अनुसार रोजगार स्वरूप नौकरी नहीं दिलाने की स्थिति में प्रभावित ग्रामवासियों द्वारा अनिश्चितकालीन आंदोलन रायकेरा चौक में की जा रही है, संघर्षरत ग्रामीणों का कहना है की उनकी माँगे जल्द पूरी नहीं हुई तो वे उग्र आंदोलन कर, चक्काजाम और रेल रोको आंदोलन कर उत्पादन, खनन को प्रभावित करेंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन, प्रशासन की होगी।