इंस्टाग्राम कनेक्शन बना अपहरण का जरिया: चक्रधरनगर पुलिस ने नाबालिग को इंदौर से किया रेस्क्यू, मुख्य आरोपी व मामा गिरफ्तार

फ्रीलांस एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, 20 नवंबर। सोशल मीडिया पर शुरू हुई मित्रता कैसे बड़ी आपराधिक वारदात का रूप ले सकती है, इसका एक और उदाहरण चक्रधरनगर पुलिस की त्वरित कार्रवाई में सामने आया है। एसपी दिव्यांग पटेल के निर्देशन और एडिशनल एसपी आकाश मरकाम व सीएसपी मयंक मिश्रा के मार्गदर्शन में पुलिस ने इंदौर से लापता नाबालिग बालिका को सुरक्षित दस्तयाब कर मुख्य आरोपी और उसके सहयोगी मामा को गिरफ्तार किया है।
इंस्टाग्राम पर बना संपर्क, शादी का झांसा और फिर इंदौर ले गया आरोपी
09 नवंबर 2025 को एक स्थानीय निवासी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी नाबालिग बेटी 06 नवंबर से लापता है। शिकायत के आधार पर थाना चक्रधरनगर में अपराध क्रमांक 499/2025, धारा 137(2) बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू हुई।
जांच में पुलिस को पता चला कि बालिका इंदौर में है। इस पर 18 नवंबर को टीम इंदौर रवाना हुई। वहां आरोपी नितेश नायर (30 वर्ष), निवासी लसूडिया मोरी, थाना लसुडिया जिला इंदौर, के कब्जे से बालिका को बरामद किया गया।
महिला पुलिस अधिकारी के समक्ष दिए गए बयान में बालिका ने बताया कि तीन माह पहले उसकी नितेश से इंस्टाग्राम पर पहचान हुई थी। चैटिंग के बाद दोनों मोबाइल पर बात करने लगे। नितेश ने प्रेम का झांसा देकर शादी का वादा किया और उसे इंदौर आने के लिए उकसाया। बालिका 06 नवंबर को अपनी सहेली के साथ घर से निकल गई थी।
इंदौर पहुंचने पर नितेश दोनों को अपने मामा लालसिंह जादौन (55 वर्ष) के घर ले गया। दो दिन बाद सहेली को रायगढ़ भेज दिया गया जबकि नाबालिग को वहीं रखा गया।
दोनों आरोपी गिरफ्तार, गंभीर धाराएँ जोड़ी गईं
बालिका के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आरोपी नितेश पर धारा 65(1), 87, 238, 3(5) बीएनएस तथा पॉक्सो एक्ट की धाराएँ जोड़ी गईं। मुख्य आरोपी नितेश और उसके मामा लालसिंह जादौन को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।
पूरे अभियान में उप निरीक्षक गेंदलाल साहू, सहायक उपनिरीक्षक आशिक रात्रे, प्रधान आरक्षक रवि किशोर साय, तथा महिला आरक्षक माधुरी राठिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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सोशल मीडिया पर सतर्कता जरूरी: नाबालिगों को करें जागरूक, अभिभावक रहें अलर्ट
इस घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि इंस्टाग्राम, फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अंजान लोगों से संपर्क बच्चों और किशोरों को गंभीर जोखिम में डाल सकता है। पुलिस ने अभिभावकों और युवाओं को विशेष रूप से सावधानी बरतने की सलाह दी है।
ऐसे रखें खुद को और बच्चों को सुरक्षित—
अजनबियों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें, चाहे प्रोफाइल कितना भी आकर्षक क्यों न लगे।
व्यक्तिगत जानकारी, फोटो, लोकेशन साझा न करें—ऐसा डेटा अपराधियों के लिए हथियार बन जाता है।
वीडियो कॉल, चैट या मीटिंग के लिए किसी अनजान व्यक्ति पर भरोसा न करें।
यदि बच्चा अचानक छुपकर फोन चलाने लगे, देर रात चैटिंग करे या व्यवहार बदले—तो संवाद करें और सतर्क रहें।
अभिभावक बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट और मोबाइल उपयोग पर नियमित निगरानी रखें।
ऑनलाइन धमकी, ब्लैकमेल या संदिग्ध कनेक्शन मिलने पर तुरंत साइबर सेल से संपर्क करें।
सोशल मीडिया आज की जरूरत है, लेकिन समझदारी और सतर्कता ही इसे सुरक्षित बनाती है। चक्रधरनगर पुलिस ने भी स्पष्ट कहा है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बढ़ते अपराधों से निपटने का सबसे मजबूत हथियार—जागरूकता और सतर्कता है।
समाचार सहयोगी हरीश चौहान की रिपोर्ट