“आराध्यों का अपमान राष्ट्र के संस्कारों पर प्रहार — श्याम गुप्ता बोले, असंवेदनशील बयानों पर हो त्वरित कार्रवाई”
		
			
एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़।
देशभर में बढ़ते धार्मिक और सामाजिक असंवेदनशील बयानों के बीच नागरिक सुरक्षा सेवा संगठन के संस्थापक एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्याम गुप्ता ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि समाज के आराध्य महापुरुषों पर की जा रही अभद्र टिप्पणियाँ न केवल आस्था पर चोट हैं, बल्कि यह राष्ट्र की एकता और अखंडता को चुनौती देने का षड्यंत्र प्रतीत होता है।
श्याम गुप्ता ने कहा कि आज कुछ स्वार्थी, भ्रमित और नशेड़ी मानसिकता वाले तत्व सर्व समाज के आराध्यों — चाहे वे किसी भी धर्म, संप्रदाय या जाति के हों — के प्रति अपमानजनक भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। यह प्रवृत्ति अत्यंत खतरनाक है और इससे समाज में वैमनस्य फैलने की पूरी संभावना है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से ऐसे लोगों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की।
गुप्ता ने चेताया कि यदि इस प्रकार के मामलों में कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो समाज में अलगाव और द्वेष की आग फैल सकती है। उन्होंने कहा, “भारत एक शांति और समरसता का देश है। यहाँ हर धर्म, हर समाज और हर संप्रदाय के आराध्य पूजनीय हैं। किसी व्यक्ति को यह अधिकार नहीं कि वह उनके सम्मान को ठेस पहुँचाए।”
सामाजिक कार्यकर्ता ने आगे कहा कि वर्तमान समय में अलगाववादी ताकतें समाज को तोड़ने की साजिश में लगी हुई हैं। ये ताकतें महापुरुषों के नामों का दुरुपयोग कर सर्व समाज को आपस में भिड़ाने का षड्यंत्र चला रही हैं। उन्होंने कहा कि इस साजिश को रोकने की जिम्मेदारी अब देश के बुद्धिजीवियों, प्रशासन और जागरूक नागरिकों पर है।
गुप्ता ने उदाहरण देते हुए कहा कि अग्रसेन महाराज, पं. दीनदयाल उपाध्याय, और महागुरु घासीदास बाबा जैसे महापुरुषों ने सदा समाज को जोड़ने, समानता और भाईचारे का संदेश दिया। इन महापुरुषों के प्रति किसी भी प्रकार की अभद्र टिप्पणी राष्ट्र के मूल संस्कारों और भारतीय अस्मिता का अपमान है।
अंत में उन्होंने दृढ़ स्वर में कहा, “हमारे संगठन का स्पष्ट मत है — चाहे वह नेता हो, अभिनेता हो या कोई प्रभावशाली व्यक्ति, यदि वह समाज के आराध्यों के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करता है, तो उसके खिलाफ न केवल कानूनी बल्कि सामाजिक स्तर पर भी कार्रवाई आवश्यक है। हम शांति प्रिय भारत को तोड़ने की किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने देंगे।”
श्याम गुप्ता के इस बयान को लेकर शहर के सामाजिक और धार्मिक संगठनों में भी चर्चा तेज है। कई लोगों ने उनके विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में प्रशासन को सख्ती से निपटना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति समाज के आराध्यों की गरिमा से खिलवाड़ करने का दुस्साहस न कर सके।
समाचार सहयोगी हिमांशु चौहान की रिपोर्ट
