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आकाशीय बिजली का कहर: दो युवकों और तीन बकरियों की दर्दनाक मौत

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, 1 अक्टूबर 2025: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के छाल थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें आकाशीय बिजली की चपेट में आने से दो युवकों और तीन बकरियों की मौत हो गई। यह हृदयविदारक हादसा न केवल स्थानीय समुदाय के लिए एक गहरा आघात है, बल्कि प्रकृति की अनिश्चितता और मानव जीवन की नाजुकता को भी उजागर करता है।

जानकारी के अनुसार, 30 सितंबर 2025 को छाल थाना क्षेत्र के ग्राम गंजाई पाली में दो युवक, आकाश किंडो (19 वर्ष, पिता सुकलाल उरांव) और लिबुन करकेट्टा (19 वर्ष, पिता बोदो) गांव के समीप ठाकुरदेव डीपा के पास अपनी बकरियां चरा रहे थे। दोपहर के समय अचानक मौसम ने करवट ली और तेज गर्जना के साथ मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। बारिश से बचने के लिए दोनों युवक एक महुआ के पेड़ के नीचे आश्रय लेने पहुंचे।

दोपहर करीब 3 बजे, एक जोरदार आकाशीय बिजली उस पेड़ पर गिरी, जिसके नीचे दोनों युवक खड़े थे। बिजली की तीव्रता इतनी प्रचंड थी कि दोनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे में पास में चर रही तीन बकरियां भी बिजली की चपेट में आकर मर गईं। यह दृश्य इतना भयावह था कि आसपास के ग्रामीण दहशत में आ गए।

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि प्रथम दृष्टया दोनों युवकों की मौत आकाशीय बिजली गिरने से हुई प्रतीत होती है। हादसे की सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने तत्काल इसकी जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नजदीकी अस्पताल भेजा।

छाल थाना पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य तकनीकी जांच के बाद मौत के सटीक कारणों का खुलासा होगा। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट है कि यह एक प्राकृतिक आपदा से जुड़ा हादसा है, लेकिन सभी पहलुओं की गहन पड़ताल की जा रही है।

यह घटना प्रकृति की अनिश्चितता और ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा जागरूकता की कमी को रेखांकित करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के दौरान पेड़ों के नीचे आश्रय लेना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि ऊंचे पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए जागरूकता अभियान और बुनियादी ढांचे की कमी एक गंभीर समस्या बनी हुई है।

गंजाई पाली गांव में इस हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। दोनों युवक अपने परिवारों के लिए महत्वपूर्ण सहारा थे, और उनकी असमय मृत्यु ने परिजनों को गहरे सदमे में डाल दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी घटनाएं बारिश के मौसम में असामान्य नहीं हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा इनसे बचाव के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं।

यह त्रासदी प्रशासन और समाज के लिए एक चेतावनी है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली गिरने से होने वाली मौतों को रोकने के लिए न केवल जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है, बल्कि बिजली निरोधक उपकरणों (लाइट अरेस्टर) की स्थापना और सुरक्षित आश्रय स्थलों का निर्माण भी आवश्यक है।

इस हादसे ने एक बार फिर सवाल उठाया है कि क्या हम प्रकृति की इस अनिश्चितता से निपटने के लिए तैयार हैं? गंजाई पाली के इस दुखद हादसे ने न केवल दो परिवारों को तोड़ दिया, बल्कि पूरे क्षेत्र को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए अब और कितना इंतजार करना होगा।

Amar Chouhan

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