96 लाख रुपये का लोन घोटाला: शिक्षकों से ठगी का जाल

शिक्षकों के नाम पर लोन स्वीकृत कराकर ईएमआई पटाने का किया वादा
कुछ महीने लोन पटा कर ईएमआई पटाना किया बंद, पीड़ित शिक्षकों ने कराई एफआईआर
लोन लेंडर ऑफिस खोल, शिक्षकों को ज्यादा पैसे का लालच दिखा,, कई बैंको से कराते थे लोन
सम्पादक अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में एक चौंकाने वाला वित्तीय घोटाला सामने आया है, जिसमें दो भाइयों, श्याम सुंदर जांगड़े और गोपाल प्रसाद जांगड़े, ने सरकारी शिक्षकों के नाम पर 2.73 करोड़ रुपये का लोन स्वीकृत कराकर करीब 96 लाख रुपये की राशि गबन कर ली। यह मामला अमानत में खयानत का एक गंभीर उदाहरण बनकर उभरा है, जिसने न केवल पीड़ित शिक्षकों को आर्थिक और मानसिक रूप से प्रभावित किया है, बल्कि क्षेत्र में विश्वास और नैतिकता पर भी गहरे सवाल खड़े किए हैं।
घोटाले का खुलासा: लालच का जाल और धोखाधड़ी
मुड़वाभाठा, तहसील सारंगढ़ निवासी श्याम सुंदर जांगड़े ने कथित तौर पर एक लोन लेंडर ऑफिस खोलकर चार सरकारी शिक्षकों—अशोक कुमार खरे, पुष्पा अनंत, सुरेश कुमार अनंत, और मुरलीधर अनंत—को ज्यादा मुनाफे का लालच देकर अपने जाल में फंसाया। इन शिक्षकों के आधार कार्ड, पैन कार्ड, वेतन पर्ची, और फॉर्म 16 जैसे दस्तावेजों का उपयोग कर विभिन्न बैंकों से भारी-भरकम लोन स्वीकृत कराए गए। कुल 2,73,21,998 रुपये के लोन में से आरोपियों ने 1,62,12,100 रुपये अपने पास रख लिए और पीड़ितों को लोन की EMI चुकाने का वादा किया।
पुलिस ने जांच पर पाया गया कि श्यामसुन्दर जांगडे द्वारा लोन लेण्डर आफिस खोलकर आवेदको को बहला फुसला कर ज्यादा पैसा की लालच देकर विभिन्न बैंको से लोन स्वीकृत कराकर उनके आधार, पैन और बैंक खाते का उपयोग कर ठगी को अंजाम दिया गया!
आरोपियों ने शुरुआत में कुछ महीनों तक EMI का भुगतान किया, जिससे पीड़ितों का भरोसा जीता। उदाहरण के लिए:
सुरेश कुमार अनंत से 55,85,000 रुपये का लोन स्वीकृत कराकर 27,92,500 रुपये लिए गए और 24 महीने की EMI (26,41,008 रुपये) जमा की गई।
पुष्पा अनंत से 73,70,000 रुपये का लोन स्वीकृत कराकर 48,00,000 रुपये लिए गए, लेकिन केवल 5 महीने की EMI (7,54,500 रुपये) जमा की गई।
अशोक कुमार खरे से 75,93,999 रुपये का लोन स्वीकृत कराकर 45,56,400 रुपये लिए गए, और 8 महीने की EMI (12,64,828 रुपये) जमा की गई।
मुरलीधर अनंत से 67,72,000 रुपये का लोन स्वीकृत कराकर 40,63,200 रुपये लिए गए, और 14 महीने की EMI (19,57,214 रुपये) जमा की गई।
कुल मिलाकर, आरोपियों ने 95,94,800 रुपये की EMI का भुगतान नहीं किया, जिसे कपटपूर्ण तरीके से गबन करने का आरोप है।
पीड़ित शिक्षक की आपबीती: आर्थिक और मानसिक प्रताड़ना
पीड़ित शिक्षक अशोक कुमार खरे, जो शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय, दहिदा में पदस्थ हैं, ने बताया कि श्याम सुंदर और गोपाल प्रसाद ने उनके दस्तावेजों का दुरुपयोग कर छह बैंकों—चोला मंडलम, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, यश बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, और ग्रामीण बैंक—से 75,93,999 रुपये का लोन स्वीकृत कराया। इस राशि में से 45,56,400 रुपये उनके खातों से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के माध्यम से आरोपियों के खातों में स्थानांतरित किए गए। अशोक ने बताया कि आरोपियों ने 38,00,000 रुपये के स्टैंप पर एग्रीमेंट बनाया, जबकि वास्तविक ट्रांजेक्शन 45,56,400 रुपये का था। EMI भुगतान की मांग करने पर आरोपी टालमटोल करते रहे, जिससे वे आर्थिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित हो गए।
पुलिस कार्रवाई: FIR दर्ज, जांच शुरू
सिटी कोतवाली पुलिस, सारंगढ़ ने पीड़ितों की शिकायत पर जांच की और प्रथम दृष्टया धारा 318(4) और 3(5) बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध किया। पुलिस ने पाया कि श्याम सुंदर और गोपाल प्रसाद ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर शिक्षकों को ठगा। मामले की विवेचना जारी है, और पुलिस आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी में है।
क्षेत्र में बढ़ती अमानत में खयानत की घटनाएं
यह मामला सारंगढ़ अंचल में अमानत में खयानत के बढ़ते मामलों का हिस्सा है। इससे पहले भी सरकारी योजनाओं और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े कई मामले सामने आ चुके हैं, इस तरह के घोटाले न केवल व्यक्तिगत विश्वास को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि सरकारी तंत्र और वित्तीय संस्थानों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाते हैं।
निष्कर्ष: सतर्कता की जरूरत
यह घोटाला एक बड़े पैमाने पर सुनियोजित आपराधिक साजिश का उदाहरण है, जिसमें भरोसेमंद पेशे से जुड़े लोगों को निशाना बनाया गया। पीड़ित शिक्षकों की आर्थिक क्षति और मानसिक तनाव इस बात की गवाही देता है कि ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए आम नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। साथ ही, बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भी लोन स्वीकृति प्रक्रिया में और सख्ती बरतने की जरूरत है। पुलिस की कार्रवाई से उम्मीद है कि दोषियों को सजा मिलेगी और भविष्य में ऐसे मामलों पर अंकुश लगेगा।