Latest News

लैलूंगा: राजपुर से कोडासिया रोड पर दो हाथियों की मौजूदगी, वन विभाग ने जारी किया अलर्ट, ग्रामीणों में दहशत (देखें वीडियो..


सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़ जिले के लैलूंगा क्षेत्र में एक बार फिर जंगली हाथियों का आतंक देखने को मिल रहा है। राजपुर से कोडासिया रोड के पास बंजारी के नीलगिरी बाड़ी क्षेत्र में दो जंगली हाथियों को देखा गया है। इस घटना ने आसपास के ग्रामीणों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। वन विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए क्षेत्र में अलर्ट जारी किया है और लोगों से इस मार्ग पर रात में आवागमन से बचने की अपील की है।

ड्रोन वीडियो विथ लोकेशन

हाथियों की निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग
वन विभाग ने स्थिति को नियंत्रित करने और हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों का सहारा लिया है। ड्रोन के माध्यम से इन हाथियों की सटीक लोकेशन का पता लगाया गया है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, ये दो हाथी बंजारी के नीलगिरी बाड़ी के आसपास विचरण कर रहे हैं। ड्रोन की मदद से उनकी हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी को रोका जा सके।

कल मचाई थी तबाही
यह कोई पहला मौका नहीं है जब लैलूंगा क्षेत्र में हाथियों ने उत्पात मचाया हो। ठीक एक दिन पहले, यानी 23 जुलाई 2025 को, इन हाथियों ने क्षेत्र में जमकर तबाही मचाई थी। ग्रामीणों के अनुसार, हाथियों ने खेतों में लगी फसलों को रौंद डाला, कई घरों को नुकसान पहुंचाया और तीन लोगों की हाथी के हमले से मौत हो गई। इस घटना ने स्थानीय लोगों में भय और असुरक्षा की भावना को और बढ़ा दिया है। कई ग्रामीण रात के समय अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं।

ग्रामीणों में दहशत का माहौल
बंजारी, नीलगिरी बाड़ी और आसपास के गांवों के निवासियों में इस समय भय का माहौल व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों की मौजूदगी के कारण वे अपने खेतों में काम करने या जंगल की ओर जाने से डर रहे हैं। खासकर रात के समय, लोग घरों से बाहर निकलने से कतराते हैं। कई परिवार रात में जागकर पहरा दे रहे हैं, ताकि हाथियों के गांव में प्रवेश करने पर तुरंत सतर्क हो सकें।

एक स्थानीय निवासी ने बताया, “हाथी कभी भी गांव की ओर आ सकते हैं। हमारी फसलें पहले ही बर्बाद हो चुकी हैं, और अब जान का खतरा बना हुआ है। वन विभाग को जल्द से जल्द इन हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ना चाहिए।”

वन विभाग की कार्रवाई
वन विभाग ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है। विभाग ने न केवल ड्रोन कैमरों की मदद से निगरानी शुरू की है, बल्कि ‘हाथी मित्र दल’ को भी सक्रिय किया है। यह दल गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को सावधानी बरतने और हाथियों के पास न जाने की सलाह दे रहा है। इसके अलावा, मुनादी और लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को अलर्ट किया जा रहा है।

वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “हमारी टीम लगातार हाथियों की गतिविधियों पर नजर रख रही है। ग्रामीणों से अपील है कि वे रात में घर से बाहर न निकलें और अपने मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर बांधें। हमारी प्राथमिकता ग्रामीणों की सुरक्षा और हाथियों को बिना नुकसान पहुंचाए जंगल की ओर वापस भेजना है।”

हाथियों की बढ़ती संख्या और चुनौतियां
रायगढ़ जिले के जंगलों में हाल के वर्षों में जंगली हाथियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। एक अनुमान के अनुसार, जिले में 169 से अधिक हाथी अलग-अलग दलों में विचरण कर रहे हैं। गर्मी के मौसम में यह संख्या और बढ़ जाती है, क्योंकि हाथी भोजन और पानी की तलाश में गांवों की ओर रुख करते हैं। इससे मानव-हाथी द्वंद की घटनाएं बढ़ रही हैं।

पिछले कुछ महीनों में रायगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में हाथियों द्वारा घरों को तोड़ने, फसलों को नष्ट करने और यहां तक कि जानमाल के नुकसान की कई घटनाएं सामने आई हैं। वन विभाग के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वे ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और साथ ही हाथियों को नुकसान पहुंचाए बिना उन्हें जंगल की ओर वापस भेजें।

ग्रामीणों की मांग
स्थानीय लोग वन विभाग से मांग कर रहे हैं कि प्रभावित परिवारों को तत्काल मुआवजा प्रदान किया जाए और हाथियों को गांवों से दूर रखने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार होने वाली इन घटनाओं ने उनकी आजीविका को बुरी तरह प्रभावित किया है। कई किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और खराब हो रही है।

हाथियों के आतंक से निपटने के लिए वन विभाग और प्रशासन को दीर्घकालिक उपाय करने की जरूरत है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि जंगलों में पानी और भोजन की व्यवस्था को बेहतर करने, हाथियों के लिए सुरक्षित कॉरिडोर बनाने और ग्रामीणों को जागरूक करने जैसे कदम इस समस्या को कम करने में मददगार हो सकते हैं। इसके साथ ही, आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रोन और थर्मल कैमरों का उपयोग बढ़ाकर मानव-हाथी संघर्ष को कम किया जा सकता है।

लैलूंगा के राजपुर से कोडासिया रोड पर दो हाथियों की मौजूदगी ने एक बार फिर ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। वन विभाग की तत्परता और ड्रोन कैमरों की मदद से स्थिति पर नियंत्रण करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन ग्रामीणों का डर और असुरक्षा अभी भी बरकरार है। यह जरूरी है कि प्रशासन और वन विभाग मिलकर ऐसी रणनीति बनाएं, जिससे न केवल ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित हो, बल्कि हाथियों को भी उनके प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रखा जा सके।

Amar Chouhan

AmarKhabar.com एक हिन्दी न्यूज़ पोर्टल है, इस पोर्टल पर राजनैतिक, मनोरंजन, खेल-कूद, देश विदेश, एवं लोकल खबरों को प्रकाशित किया जाता है। छत्तीसगढ़ सहित आस पास की खबरों को पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़ पोर्टल पर प्रतिदिन विजिट करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button