रीपा का ऑडिट कर रहा कैग, तय प्रारूप में मांगी जानकारी
प्रत्येक ब्लॉक में दो रुरल औद्योगिक पार्क के लिए जारी हुई थी राशि
अमरदीप चौहान/अमरखबर:रायगढ़। पूर्व की कांग्रेस सरकार ने प्रत्येक ब्लॉक में दो महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क बनाने की घोषणा की थी। एक रीपा के लिए दो करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया था। लेकिन योजना रास्ते से भटक गई। इसमें भी ठेका आवंटन, घटिया निर्माण करके भ्रष्टाचार किया गया। अब कैग इसका ऑडिट कर रहा है। रायगढ़ जिले में चार साल पहले प्रति ब्लॉक 18 रीपा इकाईयों को मंजूरी दी गई थी। रायगढ़ की डोंगीतराई व पंडरीपानी पश्चिम, पुसौर के तरडा व सूपा, खरसिया के बोतल्दा व भूपदेवपुर, घरघोड़ा के ढोरम व बैहामुड़ा, तमनार के मिलूपारा व तमनार, लैलूंगा के कोड़ासिया व मुकडेगा, धरमजयगढ़ के दुर्गापुर व बरतापाली, बरमकेला के कंडोला व सहजपाली और सारंगढ़ के छिंद व गोड़म में रीपा की स्थापना की जानी थी।
यहां स्वसहायता समूहों के लिए विभिन्न रोजगारमूलक गतिविधियां कराई जानी थी।सरकार ने प्रति रीपा दो करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा था। इससे जो भी निर्माण किए गए, सभी गुणवत्ताहीन थे। जहां निर्माण हुए, वहां कोई काम नहीं चल रहा है। कई गतिविधियां कराई जानी थी लेकिन कहीं-कहीं यह शुरू हो सका। अब तो एक भी रीपा नहीं चल रहा है। अब कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल से इसका ऑडिट किया जा रहा है। तक रायगढ़ जिले के 18 रीपा के लिए 36 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे। इस राशि को किए गए खर्च की पूरी जानकारी एक तय प्रारूप में मांगी गई है। रीपा का निर्माण हो गया लेकिन वहां वीरानी छाई हुई है।
हर काम के लिए तय थी राशि
रीपा की एक इकाई में दो करोड़ रुपए खर्च होने थे। इसमें अधोसंरचना में 1.20 करोड़ रुपए, मशीनरी एवं वर्किंग कैपिटल में 40 लाख, मार्केटिंग, प्रशिक्षण एवं प्रचार-प्रसार में 35 लाख और सलाहकारों की सेवाएं लेने में 5 लाख रुपए व्यय करने थे। रीपा में मनमानी की गई। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं और सरपंचों ने निर्माण का ठेका ले लिया। कोई भी भवन मजबूत नहीं बना। केवल बिलिंग की गई। घटिया निर्माण में करोड़ों रुपए फूंक दिए गए।
जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान..✍️