डी. लिट की मानद उपाधि से डॉक्टर गुरुनाथ जांगड़े सम्मानित
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पखनाकोट में भौतिक शास्त्र के व्याख्याता के पद पर पदस्थ है ,
अपनी उपलब्धियों से जिले व प्रदेश को किया गौरवान्वित
शिक्षा की खासियत है कि वह ज्ञान की तलाश करता है और नए अनुभवों को प्राप्त करने की इच्छा रखता है. शिक्षा व्यक्ति को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में योग्यता और कौशल प्रदान करती है. शिक्षा व्यापक रूप से मानव समाज के विकास और प्रगति का महत्वपूर्ण कारक है. यही कारण है कि शिक्षा का महत्व हर काल में रहा है. पढ़े-लिखे व्यक्ति शिक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करना चाहता है. यह उत्कृष्टता अलग-अलग क्षेत्रों में हो सकता है. उनमें से एक है उनके नाम के सामने डॉक्टर के सम्मानित शब्द का उपयोग होना, जिसे तीन प्रकार से प्राप्त किया जा सकता है. पहला तरीका शोध डॉक्टररेट अर्थात पीएचडी, दूसरा तरीका पेशेवर डॉक्टर डिग्री प्राप्त करना और तीसरा तरीका किसी क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि के आधार पर मानद डॉक्टररेट की उपाधि से सम्मानित होना है
रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखंड के अंतर्गत शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल पखनकोट में व्याख्याता के दायित्व का निर्वहन कर रहे भौतिक विषय के व्याख्याता व ग्राम कापू निवासी डॉक्टर गुरुनाथ जांगड़े को शिक्षा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय उपलब्धि व योगदान के लिए डी .लिट की उपाधि से सम्मानित किया गया है. उन्हें यह उपाधि इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय (यू.एस.ए.)के द्वारा प्रदान किया गया है.
उनकी यह उपलब्धि जिला व प्रदेश सहित स्कूली शिक्षा से जुड़े व्यक्तियों को गौरवान्वित करने वाला है डॉक्टर गुरुनाथ जांगड़े ने शिक्षकीय सेवा में होने के बाद भी अपने सीखने की प्रवृत्ति को सतत बनाये रखते हुए लगभग दो दशक के परिश्रम से चार विषयों में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त कर मिशाल पेश किए हैं टीम वर्क व नेतृत्व क्षमता के आधार पर स्कूल से पालकों को जोड़ने के उनके कार्य ने प्रदेश के शासकीय स्कूलों के लिए एक उदाहरण बना है
इससे पहले भी उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल किया है, जिसमें प्रमुख रूप से शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार के नीति आयोग से सम्बद्ध शिक्षण संस्थान ज्ञान उदय फाउंडेशन कोटा राजस्थान द्वारा इंटरनेशनल अचीवर्स अवार्ड-2021 से सम्मानित किया गया है,लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज करा चुके है ,डॉक्टर गुरुनाथ जांगड़े जो पी. एच. डी.भौतिक शास्त्र विषय में पांडिचेरी विश्वविद्यालय से प्राप्त किए है और डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि इन्हे चेन्नई विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की गई है ,डॉक्टर गुरुनाथ जांगड़े जो रायगढ़ एवं सरगुजा जिले के दूरस्थ अंचल और मैनपाट से लगे ग्राम कापू के निवासी है ,इनके पिता का नाम श्यामलाल जांगड़े एवं माता स्वर्गीय गेंदबाई जांगड़े जी है ,डॉक्टर जांगड़े जी ने अपने मेहनत के दम पर इन्होंने मुकाम हासिल किया है ,इन्हे नागपुर समता साहित्य अकादमी द्वारा अंतरराष्ट्रीय ग्लोबल शिक्षक अवार्ड से सम्मानित किया गया है ,मैजिक बुक ऑफ वॉल रिकॉर्ड हरियाणा के द्वारा भी समाज सेवा के चैत्र में उत्कृष्ठ कार्य हेतु सम्मानित किया गया है,डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सम्मान से गुरु घासीदास महाविद्यालय पामगढ़ के द्वारा सम्मानित किया गया है ,इन्हे राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित होते रहे है ,विश्व मानव अधिकार सुरक्षा आयोग द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है ,जम्मू कश्मीर मानव अधिकार कमीशन द्वारा भी मानव अधिकार जागरूकता एवं समाज सुधार विषय पर सम्मानित किया गया है एक ही विश्वविद्यालय से दो विषयों में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त किए है।
वे एन.सी.ई.आर.टी. से गणित विषय में की रिसोर्स पर्सन के रूप में प्रशिक्षित हैं.मैनेजमेंट के क्षेत्र में देश के प्रतिष्ठित संस्थान आई. आई. एम. लखनऊ से भी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं अकादमिक कार्यों के अलावा कर्मचारी हितों के लिए समर्पित रुप से कार्य करने वाले डॉक्टर गुरुनाथ जांगड़े वर्तमान में छग टीचर्स एसोसिएशन के जिला उपाध्यक्ष के रूप में शिक्षकों को कुशल नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं.सतनामी समाज isso में प्रदेश अध्यक्ष अधिकारी कर्मचारी प्रकोष्ठ के पद पर है ,एवं राष्ट्रीय बौद्ध महासभा में भी प्रदेश संयोजक की भूमिका अदा कर रहे है ,उनके इस उपलब्धि पर परिजनों, मित्रों, शिक्षकों व संघ पदाधिकारियों ने बधाई दिया है डॉक्टर गुरुनाथ जांगड़े जी ने इस सम्मान को प्राप्त करने में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोग प्रदान करने वालों सहित सभी शुभचिंतकों के प्रति आभार व्यक्त किया है डॉक्टर गुरुनाथ जांगड़े ने बताया कि डॉक्टर ऑफ लिटरेचर (डी. लिट) एक उन्नत शैक्षणिक डिग्री है जो विश्वविद्यालयों द्वारा उन व्यक्तियों को प्रदान की जाती है जिन्होंने अपने व्यापक शोध, प्रकाशित कार्यों और विद्वत्तापूर्ण उपलब्धियों के माध्यम से साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसे आम तौर पर मानद डिग्री माना जाता है, हालांकि कुछ मामलों में इसे एक संरचित शैक्षणिक कार्यक्रम के माध्यम से भी अर्जित किया जा सकता है
डी.लिट की उपाधि अक्सर उन व्यक्तियों को प्रदान की जाती है जिन्होंने साहित्यिक विद्वत्ता, आलोचना, रचनात्मक लेखन या संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया हो। इस प्रतिष्ठित डिग्री के प्राप्तकर्ता आमतौर पर प्रसिद्ध लेखक, विद्वान या विशेषज्ञ होते हैं जिनके काम ने साहित्य की समझ, व्याख्या या उन्नति को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है। डी.लिट के लिए उम्मीदवारों को आमतौर पर प्रकाशित कार्य का एक बड़ा हिस्सा होना आवश्यक है, जिसमें किताबें, शोध पत्र, लेख, आलोचनात्मक विश्लेषण या रचनात्मक साहित्यिक कृतियाँ शामिल हो सकती हैं। उनसे अपेक्षा की जाती है कि उन्होंने अपने विशेषज्ञता के क्षेत्र में विशेषज्ञता, मौलिकता और प्रभाव का प्रदर्शन करते हुए क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और स्थायी योगदान दिया हो।
डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की डिग्री प्राप्त करने के लिए विशिष्ट आवश्यकताएँ और प्रक्रियाएँ विभिन्न विश्वविद्यालयों या शैक्षणिक संस्थानों में भिन्न हो सकती हैं। कुछ मामलों में, विश्वविद्यालय औपचारिक पाठ्यक्रम या परीक्षा आवश्यकताओं के बिना असाधारण जीवनकाल उपलब्धियों को मान्यता देते हुए मानद उपाधि के रूप में डी.लिट प्रदान कर सकते हैं। अन्य संस्थान इसे अर्जित डिग्री के रूप में प्रदान कर सकते हैं, जिसके लिए एक कार्यक्रम पूरा करना आवश्यक है जिसमें पाठ्यक्रम, शोध और एक शोध प्रबंध शामिल है। कुल मिलाकर, साहित्य में डॉक्टरेट की उपाधि साहित्य की दुनिया में असाधारण योगदान के लिए सर्वोच्च स्तर की मान्यता का प्रतिनिधित्व करती है तथा यह साहित्य के क्षेत्र में किसी व्यक्ति के गहन प्रभाव का प्रमाण है।