Latest News

सूचना अधिकार के तहत जानकारी देने में न पं घरघोड़ा में बरती जा रही है लापरवाही!!

विष्णु सरकार में जीरो टारलेन्स के सपने में लगा रहे है विभाग में पदस्थ बाबू पलीता



रायगढ़।सुर्खियों में रहने वाला नगर पंचायत घरघोड़ा पटरियों पर आ ही नही रहा है, जबकि कुछ दिनों पूर्व सीएमओ समेत 5 अधिकारी कर्मचारियों पर निलंबन की गाज गिर चुकी है। यह कार्रवाई जनप्रतिनिधियों की सतर्कता तथा सूचना अधिकार कानून से संभव हो पाया है। जिसमें कुटचरित दस्तावेजो की पोल को खोलकर रख दिया। आलम यह है अब यहां से प्रथम अपील में इस कानून के तहत जानकारी ही उपलब्ध नही कराया जा रहा है। जिससे विष्णु देव सरकार में जीरो टारलेन्स को धत्ता बताया जा रहा है। जिससे अब जनप्रतिनिधियों ने यहां पदस्थ बाबू पर नारजगी जाहिर कर उच्च अधिकारियों से शिकायत तथा सूचना आयोग के पास कम्प्लेन ओर अपील करने की मंशा बना रहे है।

है। यहां जांच तथा कलेक्टर के आदेश की भी अव्हेलना कर दिया गया। चूंकि भाजपा सरकार आते ही घोटाले कि फाइल को खोलकर रख दिया है। इसके चलते 5 अधिकारी बीते माह निलंबित हो चुके है जिसमें सीएमओ तथा 3 सहायक इंजीनियर एवं बाबू भी शामिल है। ऐसे में अब फिर से सूचना अधिकार में जानकारी देने से यहां के जिम्मेदार अधिकारी बच रहे है।

बताया जा रहा है कि पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान पार्षद विजय शिशु सिन्हा व पार्षद नीरज शर्मा ने कई बिंदुओं पर सूचना के अधिकार तहत जानकारी मांगी गयी है । जहां प्रथम अपील लगाने के बाद प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा 20 मई को जनसूचना अधिकारी द्वारा अपने आदेश में 7 दिवस के भीतर जानकारी देने के निर्देश जारी किये गये थे। परंतु आवेदन दिन से 2 माह बीतने को चंद दिन ही शेष है। लेकिन आज तक पूर्ण जानकारी उपलब्ध नही कराया जाना बताता है कि किस कदर जनसूचना अधिकारी शम्भू पटनायक द्वारा अपने अधिकारियों के आदेश को रद्दी की टोकरी में डाला जा रहा है।वही 22-3-24 ओर 06-4-24 को आवेदन लगाया गया फिर प्रथम अपील 23-04-24 ओर 08-5-24 को लगाया गया। प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा 20-05-24 को पेशी बुलाकर 7 दिवस के भीतर जनसूचना अधिकारी को जानकारी देने हेतु निर्देश दिए गए परन्तु जानकारी नही दी गई। ऐसे में यह तो स्पष्ट है कि अधिकारी कानून का उक्त पंचायत में खुला उलंघन होता है। इसके साथ ही कही न कही दस्तावेजों को दिए जाने से कई तरह कस भ्रष्टाचार का उजागर होने की पूर्ण संभावना हैं यही वजह है कि सूचना अधिकारी स्थापना लिपिक शम्भू पटनायक कतरा रहे है।चर्चा यह भी है कि कही उनकी कलम इस पर न फंस जाए इसके चलते वे जनप्रतिनिधि आवेदकों को घुमा रहे है।



क्या है प्रकरण



घरघोड़ा नगर पंचायत में जनप्रतिनिधियों द्वारा विभिन्न कार्यो के निर्माण व अन्य मसले पर उन्हें जानकारी विभाग द्वारा नही दी जाती है। वहीं, येन केन प्रकरण में उक्त कार्यो के पूर्ण होने या फिर स्वीकृति के बाद ही उन्हें हवा हवाई तौर पर जानकारी दी जाती है। ऐसे में यहां के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों द्वारा जिसमें कांग्रेस भाजपा दोनो ही दलों के पार्षदो द्वारा सूचना अधिकार के तहत जानकारी हासिल की जाती है जिससे विभाग की भ्र्ष्टाचार तथा लापरवाही की कई करस्तानी की पोल खुल चुकी है। वर्तमान में यहां के जनप्रतिनिधि ने पंचायत में खरीदी के संबध में आवेदन लगाया था जिसमें अभी तक कोई जानकारी नही दिया गया है। इससे संबंधित विभाग में एक अदृश्य डर है जबकि नियम कानून के विपरीत भी है।



सूचना के अधिकार एक शशक्त माध्यम है जिससे विभागों में चल रही भर्राशाही खुल कर सामने आती है घरघोड़ा नप इसका प्रत्यक्ष उदारहण है सूचना के अधिकार के दस्तवेजो के आधार पर ही यहां के भष्टाचार की पोल खुली ओर अधिकारियों कर्मचारियों पर निलंबन की गाज गिरी इसीलिये हमारे आवेदन के समय सीमा पूर्ण होने यहां तक कि प्रथम अपीलीय अधिकारी के निर्देश के 2 माह बीत जाने पश्चात भी जानकारी नही दी जा रही है ओर जो जानकारी दी जा रही है ओ भी आधी अधूरी जो कि हमारे आरोपो की पुष्टि करती है।

नीरज शर्मा

पार्षद घरघोड़ा



सूचना का अधिकार आम जनता को दिया गया एक लोकतांत्रिक अधिकार है परंतु घरघोड़ा नप में इसके उलट है यहां जानकारी दी तो जा रही है पर पूर्ण नही जो स्पष्ठ करती है कि गड़बड़झाले को दबाने यह कृत्य किया जा रहा है

विजय शिशु सिन्हा

पूर्व अध्यक्ष पार्षद वार्ड 08

Amar Chouhan

AmarKhabar.com एक हिन्दी न्यूज़ पोर्टल है, इस पोर्टल पर राजनैतिक, मनोरंजन, खेल-कूद, देश विदेश, एवं लोकल खबरों को प्रकाशित किया जाता है। छत्तीसगढ़ सहित आस पास की खबरों को पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़ पोर्टल पर प्रतिदिन विजिट करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button