विकास राशि का बंदरबांट कर रहे सरपंच-सचिव, ग्राम पंचायतों में चल रहा जीएसटी का खेल, क्या निर्माण कार्य का भौतिक सत्यापन भी नहीं कर रहे इंजीनियर⁉️
रायगढ़। सरकार द्वारा गांव को मुख्य धरा से जोडऩे के लिए पानी की तरह राशि स्वीकृत कर रहे हैंं ताकि ग्रामीण क्षेत्र में विकास की गांगा बहा सकें। धरमजयगढ़ विकास खण्ड में ऐसा हो गया है कि सरकार द्वारा जो राशि जारी किया जाता है उस राशि का बंदरबांट करने का जिम्मा जनपद पंचायत अधिकारी द्वारा सरपंच-सचिव को दे दिया है। हम ऐसा इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि ग्राम पंचायत में कार्य हुआ की नहीं इसको झांकने तक इनके कोई अधिकारी-कर्मचारी जाते नहीं है। जिसके कारण बिना काम कराए ही निर्माण कार्य की राशि सरपंच-सचिव द्वारा निकाल लिया जाता है। निर्माण कार्य की राशि आहरण करने से पहले निर्माण की भौतिक सत्यापन इंजीनियर द्वारा किया जाता है उसके बाद ही राशि आहरण करने की अनुमति मिलता है। लेकिन धरमजयगढ़ जनपद पंचायत में शासन का इस नियम की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है सिर्फ कमिशन के नाम पर? ऐसा लगता है कि यहां किसी प्रकार की कोई सत्यापन की जरूरत नहीं पड़ता है राशि ऐसा ही निकालने के लिए तभी तो बिना काम कराए ही लाखों-लाखों का बिल भुगतान हो जा रहा है।
स्वास्थ्य केन्द्र को भी नहीं छोड़ा घोटाले बाज सरपंच-सचिव
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्रों को सर्वसुविधा युक्त बनाने के लिए हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करा रही है। ताकि ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा लेने के लिए शहर की ओर आना न पड़े। लेकिन धरमजयगढ़ विकसखण्ड में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारियों की घोटाले बाज नीति के कारण आज स्वास्थ्य को मिलने वाली सुविधा भी नहीं मिल रहा है। मुख्यलाय से 20 किलोमीटर दूरी पर बसा ग्राम पंचायत बोरो के उपस्वस्थ्य केन्द्र के आहता निर्माण के लिए शासन द्वारा 4 लाख 32 हजार रूपये जारी किया था। निर्माण कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत बोरो को बनाया गया है, ग्राम पंचायत बोरो के सरपंच-सचिव द्वारा बिना काम कराए ही आहता निर्माण की राशि को दो बार में 207930 रूपये का आहरण कर लिया है। अब सवाल उठता है कि इस कार्य की भौतिक सत्यापन करने वाले अधिकारी क्या घर में बैंठकर ही निर्माण कार्य की सत्यापन कर देता है या फिर सरपंच-सचिव द्वारा फर्जी बिल निकालने के लिए सत्यापन अधिकारी को मोटी रकम कमिशन के रूप में दिया जाता है?
सरपंच-सचिव खेल रहे जीएसटी-जीएसटी
धरमजयगढ़ में ऐसे कई लोग हैं जो जीएसटी नंबर जारी कराए हैं जो सिर्फ ग्राम पंचायत में बिल देने के लिए, इनके पास किसी भी प्रकार का कोई फर्म या दुकान नहीं है जिससे वह समान सप्लाई कर सकें। हां लेकिन इनके द्वारा लाखों-लाखों का ग्राम पंचायत में बिल दिया जाता है और इनके बिल से सरपंच-सचिव फर्जी तरीके से बिना निर्माण कराए ही शासकीय राशि का बंदर बांट कर करते हैं। ऐसा ही हुआ बोरो उपस्वस्थ्य केन्द्र का आहता निर्माण में।