लैलूंगा में धूम धाम से मनाया गया करमा पर्व
लैलूंगा । दिनांक 14/09/2024 को कंवर समाज भवन लैलूंगा में करमा त्यौहार धूम-धाम से मनाया गया। कंवर समाज लैलूंगा के अधिकारी कर्मचारी संघ द्वारा विगत 7-8 वर्षों से कंवर समाज इकाई लैलूंगा के साथ मिलकर प्रति वर्ष भादों एकादशी करमा पर्व मनाया जाता है जिसमें सभी कर्मचारी एवं समाज के लोग सपरिवार उपस्थित होकर करम राजा की पूजा अर्चना व गीत नृत्य के साथ रात्रि जागरण कर करम राजा की सेवा करते है। जिसमें लड़कियां दिन भर उपवास करती हैं और शाम को करम राजा की कथा सुनती हैं एवं पूजा करती हैं। आंखरा को आकर्षक ढंग से सजाया जाता है। इस अवसर पर संध्या बेला में आंखरा पर करमा डार और फूल से सुसज्जित अंकुरित जौ डलिया तथा फल -पकवान को स्थापित कर करमा डार के समीप नए वस्त्र से सुसज्जित कंवर समाज की महिलाओं और युवतियों ने करमा डार की विधिवत पूजा-अर्चना की। भादो माह के एकादशी शुक्ल पक्ष में प्रकृति प्रदत्त पेड़-पौधों की रक्षा के अलावा बहनें अपने भाइयों की रक्षा व लंबी उम्र के लिए प्रकृति देव से कामना की। जो कि बहनो का अपने भाई के प्रति अटूट स्नेह का प्रतीक है। पूजा के उपरांत बहनों के नृत्य संगीत में ढोल-नगाड़े और मांदर की थाप पर रात भर करमा गीत के साथ लोग थिरकते रहे और पूरा पूरा इलाका गूंजता रहा। दूसरे दिन सुबह करम राजा को अपने निकटतम नदी तालाब में विसर्जन किया गया। विगत कई वर्षों से सुदूर ग्रामीण आदिवासी क्षेत्र के गांवो में विशेष रूप से करम देव की पूजा की जाती रही है। वर्तमान परिवेश में कर्मा पूजा में कई जगह ढोल नगाड़े मांदर की जगह डीजे साउंड का प्रचलन भी बढ़ रही है। पारंपरिक रीति-रिवाजों व प्रथाओं को संरक्षित करने के लिए, पीढ़ियों से चली आ रही आदिवासी संस्कृति की मूल विधियों के साथ सांस्कृतिक विविधता को बनाए रखना, अपनी अस्मिता, पहचान और सामुदायिक सामंजस्य बढ़ाना, पुरखों से प्राप्त ज्ञान को आगे बढ़ाना, समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देना, इसके साथ-साथ हमारे नीरस जीवन में एक नया उमंग और उत्साह भरना भी आदिवासी समाज के उत्सावों, तीज-त्यौहारों का मुख्य उद्देश्य है।