महापुरुषों के आड़ में बहुसंख्यक समाज को तोड़ने की गन्दी राजनीति का विरोध करता हूँ ये राष्ट्रद्रोह में आना चाहिए….. श्याम गुप्ता
मूर्ति पूजा आस्था के प्रतीक
अमरदीप चौहान/अमरखबर:रायगढ़ / मूर्ति पूजा चाहे हम देवी देवताओं के करे या साधू सन्त महापुरुष महात्माओं के करे ये आस्था के प्रतीक हैं जिसे हम पूजा स्थल चौक चौराहा पर देखते हैं उनके बताए हुए ज्ञान की बाते को जीवन में आत्मसात करने के प्रयास करते हैं यही हमारे धर्म सामाजिक ज्ञान है पर अगर कुछ पंडित पाखण्ड से हमारे समाज में कुछ कमियां देखकर अगर तुम गन्दीराजनीति से देवी देवताओं के मूर्ति पूजा के विरोध करते हो तो फिर पढ़े लिखे ज्ञानी को गाली क्यूँ न दूँ जो आज अपनी अलगाव वाद की गन्दीराजनीति से देश के बहुसंख्यक समाज को महापुरुषों के मूर्ति पूजा छाया प्रति पर पूजा करके पाखण्ड कर रहे हो एक साथ दोहरी नीति की गन्दीराजनीति नहीं चलेगी और महापुरुषों के नाम के आड़ में सर्व समाज को तोड़ रहे हो सिर्फ अपनी दुकानदारी के लिए.जिसके विरोध करता हूँ..ये कथन.. श्याम गुप्ता सामाजिक कार्यकर्ता संस्थापक नागरिक सुरक्षा सेवा संगठन के है जो हमेशा राष्ट्रीय विचारधारा के साथ सर्व समाज में राष्ट्रीय एकता अखंडता की के संदेश पहुचाते रहते उनका मानना है देश किसी भी हाल में टूटनी नहीं चाहिए देश को जोड़ने की नैतिक जिम्मेदारी हम सब की है जिसमें अलगाव वाद की गन्दीराजनीति करने वाले किसी भी वर्ग समुदाय या संगठन के हो उनके विरोध देशभक्त देशवासियों को करनी चाहिए देश प्रथम है l