डीजीएमएस करेगा बरौद खदान हादसे की जांच
बरौद कोयला खदान में दो एसईसीएल कर्मचारी दलदल में फंसकर डूब गए थे। इस घटना की जांच अब डायरेक्टर जनरल ऑफ माइंस सेफ्टी कर सकता है। यह बेहद गंभीर हादसा था जिसमें माइंस के अंदर की व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। बीते शुक्रवार 19 अप्रैल को बरौद माइंस में एक विक्षिप्त व्यक्ति घुस गया था। वहां एक विशाल गड्ढे में पानी जमा होता था जिसका उपयोग छिडक़ाव में किया जाता है। वह विक्षिप्त व्यक्ति उस पानी में घुस गया था। एसईसीएल के सहायक सुरक्षा उप निरीक्षक प्रतापसिंह ने उसको रोकने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हुए। वह आदमी तेजी से पानी की तरफ चला गया।
उसको बचाने के लिए प्रतापसिंह, वरिष्ठ सुरक्षा प्रहरी नेहरू राम उम्र 50 वर्ष और मैकेनिकल हेल्पर फिटर उमाशंकर यादव 27 वर्ष निवासी अमलीडीह भी पानी में घुस गए। प्रतापसिंह और विक्षिप्त व्यक्ति तो पानी से बाहर निकल गए लेकिन उमाशंकर और नेहरू पानी के नीचे दलदल में फंस गए। घटना में दोनों की मौत हो गई। इस तरह की घटना के कारण डीजीएमएस भी कार्रवाई करने जा रहा है। बताया जा रहा है कि कोयला खदानों में लापरवाही के कारण कोई हादसा होने पर डीजीएमएस को कार्रवाई का अधिकार होता है।
सब एरिया मैनेजर की लापरवाही
सूत्रों के मुताबिक बरौद माइंस में कोल डस्ट के कारण इस गड्ढे में नीचे दलदल जैसा बन गया था। यहां कभी भी कोई हादसा हो सकता था। लेकिन सब एरिया मैनेजर ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। माइंस में विक्षिप्त व्यक्ति कैसे घुस गया, इसकी भी जांच होगी। सुरक्षा व्यवस्था सही नहीं थी। जिसका खामियाजा दो निर्दोषों को जान देकर चुकानी पड़ी।