जन्माष्टमी मेले के नाम पर जानलेवा
मनोरंजन के अनुमति का षडयंत्र
10 करोड़ के लिए 50 लाख की रिश्वत
के खेल में हजारों की जान पर खतरा
रायगढ़/जन्माष्टमी मेले में मीना बाजार को लेकर एक बार फिर से बवाल मच गया है लोगो की सुरक्षा एवं नियम कानून को ताक पर रख कर नगर निगम एवं जिला प्रशासन इसके आयोजन की अनुमति देता रहा हे यहां तक कि हाई कोर्ट के स्टे के बावजूद पिछले साल मीना बाजार लगाया गया और प्रशासन कुछ नहीं कर सका बताया जाता है कि हर साल मीनाबाजार का दस करोड़ का व्यवसाय होता हे जिसके लिए प्रशासन निगम और नेताओं की सेटिंग पर आयोजक द्वारा कम से कम 50 लाख रुपए की बंदर बांट की जाती है इसके अलावा 40 लाख रुपए उस जमीन का किराया भू स्वामी को दिया जाता है जिसका बिना डायवर्सन के व्यवसायिक उपयोग किया जाता है लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत से ये सारे नियम कायदे दर किनार कर दिए गए इसके अलावा सौ मीटर की दूरी वाले रेलवे साइडिंग के नजदीक भी किसी भीड़ भाड़ वाले आयोजन की अनुमति नहीं दी जा सकती फिर भी एस डी एम द्वारा इस तरह के आयोजन की परमिशन दी जाती रही है इस खुले भ्रष्टाचार को लेकर मीडिया ने कई बार आवाज उठाई लेकिन नीचे से लेकर ऊपर तक हो रहे एक करोड़ के भ्रष्टाचार के खिलाफ न तो सरकार ने और नहीं प्रशासन ने कार्यवाही करने की कोई जहमत उठाई यहां तक कि जिले का GST एवं आयकर विभाग भी दस करोड़ के इस अवैध कारोबार पर कार्यवाही करने की बजाय दस बीस हजार की मामूली रकम जमा करा सरकार को लाखो के राजस्व का चुना लगता रहा है शहर का बुद्धिजीवी वर्ग हर साल सावित्री नगर में लगने वाले मीना बाजार को लेकर विरोध करता रहा है प्रशासन को हमेशा आगाह किया जाता रहा है कि सावित्री नगर में मीना बाजार लगाया जाना अवैधानिक एवं गैर कानूनी है क्योंकि पास ही में सरकारी शराब भट्ठी है जिसमें रात दिन पियक्कड़ों का भारी जमावड़ा लगा रहता है जिसके कारण कोई भी अप्रिय घटना कभी भी घट सकती है इसके अलावा लोग रेलवे लाइन क्रॉस कर मीना बाजार देखने जाते है जो कभी भी किसी गंभीर एवं बड़े हादसे का कारण बन सकती है पिछले दिनों इसी रोड की कुछ दूरी पर बिजली के हाई टेंशन तार गिरने से मेडिकल स्टोर के एक कर्मचारी की मौत हो गई यदि ऐसा ही कोई तार भीड़ पर गया तो कितने लोग बेमौत मारे जाएंगे इसकी कल्पना से ही रूह कांप जाती है लेकिन प्रशासन के धृतराष्ट्रो को इन सब से कुछ लेना देना नहीं है वे तो सिर्फ नोटो की गड्डी बटोरने में मशगूल है मीना बाजार की इस मोटी कमाई का ही परिणाम हे कि इस बार शहर में दो- दो मीना बाजार लग रहे है वे भी नेशनल हाईव रोड पर जो निर्धारित नियमों व कानून के पूरी तरह खिलाफ है प्रशासन व निगम लोगो की जान के लिए खतरनाक साबित होने वाले इन दोनो मीनाबाजार को अनुमति देने पर आमादा है इस सरकारी भ्रष्टाचार से तंग आ कर शहर के जागरूक लोगो ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई है पिछली बार हाई कोर्ट ने सावित्री नगर में लगने वाले मीना बाजार के खिलाफ स्टे दिया था जो प्रशासन व निगम अधिकारियों के सुनियोजित षड्यंत्र के कारण इंप्लीमेंट नहीं किया जा सका बहरहाल इस बार देखना होगा भ्रष्टाचार के इस खेल में क्या होता है ?