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ग्रीनपीस के मुताबिक विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में 48वें और छत्तीसगढ़ में चौथा सबसे प्रदूषित जिला रायगढ़!!

“रायगढ़ में उद्योगों और खदानों की पर्यावरणीय क्षमता: प्रदूषण, नियम उल्लंघन और जनविरोध के बीच चुनौतियाँ”

सम्पादक अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़ जिले में उद्योगों और खदानों के लिए पर्यावरणीय क्षमता का आकलन एक जटिल मुद्दा है, जो पर्यावरणीय नियमों, वर्तमान प्रदूषण स्तर, प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता, और सामाजिक-आर्थिक कारकों पर निर्भर करता है। उपलब्ध जानकारी के आधार पर, निम्नलिखित बिंदु इस प्रश्न का जवाब देने में मदद कर सकते हैं:1. वर्तमान पर्यावरणीय स्थितिप्रदूषण का स्तर: रायगढ़ को ग्रीनपीस की रिपोर्ट में विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में 48वें स्थान पर रखा गया है, और यह छत्तीसगढ़ में चौथा सबसे प्रदूषित शहर है। वायु प्रदूषण, फ्लाई ऐश डंपिंग, और कोयला परिवहन जैसे मुद्दों ने पर्यावरण को पहले ही प्रभावित किया है। पूंजीपथरा और तमनार जैसे क्षेत्रों में प्रदूषण इतना अधिक है कि वातावरण सांस लेने के लिए उपयुक्त नहीं रहा।स्वास्थ्य प्रभाव: प्रदूषण के कारण सांस और त्वचा से संबंधित बीमारियों के साथ-साथ कैंसर के मामलों में वृद्धि देखी गई है। यह पर्यावरणीय क्षमता पर पहले से मौजूद दबाव को दर्शाता है।

2. पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन और कार्रवाई रायगढ़ में उद्योगों पर पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन के लिए बार-बार जुर्माना लगाया गया है। उदाहरण के लिए:2024 में, फ्लाई ऐश के अवैध परिवहन और डंपिंग के लिए 1.7 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।बिना तारपोलिन के सामग्री परिवहन के लिए 14 उद्योगों पर 10.51 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।वायु प्रदूषण के लिए जिंदल स्टील एंड पावर जैसे बड़े उद्योगों पर 2 लाख रुपये की पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति अधिरोपित की गई।ये कार्रवाइयाँ दर्शाती हैं कि वर्तमान उद्योग पहले से ही पर्यावरणीय मानकों का पालन करने में असमर्थ हैं, जिससे नए उद्योगों या खदानों की स्थापना की क्षमता सीमित हो सकती है।

3. औद्योगिक विस्तार और जनविरोध रायगढ़ में औद्योगिक विस्तार के लिए जनसुनवाईयाँ हो रही हैं, जैसे कि एनआर आयरन एंड पावर और मां काली अलायज उद्योग के क्षमता विस्तार की योजनाएँ। हालांकि, स्थानीय लोग इन विस्तारों का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि वे प्रदूषण और स्वास्थ्य समस्याओं से पहले ही प्रभावित हैं।यह सामाजिक असंतोष नए उद्योगों या खदानों की स्थापना के लिए सामुदायिक स्वीकृति को और कठिन बना सकता है।

4. प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव रायगढ़ में कोयला खनन और औद्योगिक गतिविधियों के लिए भूमि और जल संसाधनों का पहले से ही व्यापक उपयोग हो रहा है। उदाहरण के लिए, अदानी समूह को महाराष्ट्र सरकार के संयुक्त उपक्रम महाजेंको के कोल ब्लॉक का प्रबंधन सौंपा गया है, जिससे प्राकृतिक संसाधनों पर और दबाव बढ़ा है। भूस्खलन की घटनाएँ, जैसे कि 2023 में महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में हुआ हादसा, भू-जलवायु और पर्यावरणीय स्थिरता पर खनन के प्रभाव को दर्शाती हैं। हालांकि यह घटना छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से संबंधित नहीं है, लेकिन समान भौगोलिक और खनन गतिविधियों के संदर्भ में यह चेतावनी देता है।

5. पर्यावरणीय क्षमता के लिए विचारणीय बिंदुनए उद्योगों की संभावना: रायगढ़ में पहले से ही कई बड़े उद्योग (जैसे जिंदल स्टील, जेएसडब्ल्यू, एसकेएस पावर) और खनन गतिविधियाँ मौजूद हैं। पर्यावरणीय क्षमता सीमित होने के कारण नए उद्योगों की स्थापना के लिए सख्त पर्यावरणीय मंजूरी और प्रदूषण नियंत्रण उपायों की आवश्यकता होगी।

खदानों की स्थिति: कोयला और अन्य खनिजों की खदानों का विस्तार पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA) पर निर्भर करेगा। वर्तमान में, अवैध खनन और फ्लाई ऐश डंपिंग जैसी समस्याएँ पर्यावरणीय प्रबंधन की कमी को दर्शाती हैं।सतत विकास: यदि नए उद्योग या खदानें स्थापित की जाती हैं, तो वायु प्रदूषण रोधी उपायों, हरित ऊर्जा उपयोग, और उन्नत अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों को लागू करना अनिवार्य होगा। निष्कर्ष रायगढ़ जिले में उद्योगों और खदानों के लिए पर्यावरणीय क्षमता सीमित प्रतीत होती है, क्योंकि:वर्तमान में प्रदूषण का स्तर पहले से ही उच्च है। पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन बार-बार हो रहा है। स्थानीय समुदाय औद्योगिक विस्तार का विरोध कर रहा है। प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है।नए उद्योगों या खदानों की स्थापना के लिए कड़े पर्यावरणीय नियमों, प्रदूषण नियंत्रण उपायों, और सामुदायिक सहमति की आवश्यकता होगी। साथ ही, सतत विकास मॉडल को अपनाना होगा, जिसमें हरित प्रौद्योगिकियों और नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग शामिल हो। बिना इन उपायों के, पर्यावरणीय क्षमता को और अधिक नुकसान होने की संभावना है। सुझाव: अधिक सटीक जानकारी के लिए रायगढ़ जिला प्रशासन, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल (CECB), या पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से संपर्क करें।

Amar Chouhan

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