खरसिया नगर के सरस्वती शिशु मंदिर में मनाया गया 10वां विश्व योग दिवस
सरस्वती शिशु मंदिर खरसिया में योग कार्यक्रम संपन्न
खरसिया नगर के सरस्वती शिशु मंदिर में 21 जून 2024 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तहत नगर के योगाभ्यासियों ने एकत्रित होकर योग ध्यान प्राणायाम का अभ्यास किये।जिसमें मुख्य रूप से योग शिक्षक लंबोदर मानिकपुरी के द्वारा योग कराया गया। कार्यक्रम में डॉक्टर हितेश गवेल ,एमडी मैत्री ,कृष्ण कुमार पटेल अमित चंदवानी ,खगेश्वर साहू,पवन अग्रवाल, अजय मित्तल ,सुमिरन दास महंत, अमृतलाल चन्द्रा , तुकेश्वर पांडे सुलेखा पाटकर ,ईश्वरी राठौर, संध्या मधुतुल्य, नीलिमा राठौर, शत्रुघन यादव ,अमोल दास एवं अन्य योगाभ्यास उपस्थित थे ।योग कार्यक्रम में बौद्धिक राजकुमार डनसेना (तमनार)द्वारा दिया गया, उनके द्वारा बताया गया कि भारत ने ही विश्व को धर्म आध्यात्मिक योग ज्ञान विज्ञान का संदेश दिया है। मानव जीवन में निरोगी काया और स्वस्थ मन की प्राप्ति के लिए इस योग का अभ्युदय हुआ है, यह योग भारत की देन है, यह योग भारत के स्वाभिमान है, यह योग भारत का गौरव है, और यह योग भारत के संस्कृति है, योग राष्ट्र के प्रतीक है ।उन्होंने आगे बताया कि योग मात्र एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति नहीं अपितु योग का प्रयोग परिणाम पर आधारित एक ऐसा प्रमाण है जो व्याधि को निर्मल कर देता है। योग कोई धर्म नहीं यह विज्ञान है, वह अपने पुरखों का ज्ञान है ।योग कोई पूजा पाठ की पद्धतिनहीं ,अपितु यह संपूर्ण जीवन शैली है ।योग से आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता में वृद्धि होती है। योग किसी एक देश अथवा किसी जाति तक सीमित नहीं वर्ण समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए है। यह योग भारत का वैदिक मूल्य है, आज संपूर्ण विश्व में करोड़ों लोग योग से लाभान्वित हो रहे हैं, योग दिन प्रतिदिन विकसित और समृद्ध होता जा रहा है ।सरकार द्वारा इसे स्वास्थ्य नीति से जोड़ा गया है ।स्कूली पाठ्यक्रम में भी लागू किया गया है। योग प्राचीन भारतीय परंपरा एवं संस्कृति की अमूल्य देन है। यह स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए पूर्णता वादी दृष्टिकोण है।